न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Cooperative Bank) के ग्राहकों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बैंक पर कई कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे ग्राहक अपने खातों से पैसे नहीं निकाल सकेंगे।
आरबीआई के नए निर्देशों के अनुसार, बैंक अगले छह महीनों तक किसी भी ग्राहक को जमा राशि निकालने की अनुमति नहीं देगा।
आरबीआई ने क्यों लगाया प्रतिबंध?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है। बैंक लगातार घाटे में चल रहा था और उसकी नकदी स्थिति खराब थी।
इसके चलते आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया और एक प्रशासक नियुक्त किया। साथ ही, ग्राहकों को अपने सेविंग्स, करंट अकाउंट या किसी अन्य खाते से पैसे निकालने पर रोक लगा दी गई।
122 करोड़ रुपये का गबन मामला
इस मामले में एक बड़ा मोड़ तब आया जब मुंबई पुलिस ने बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता और लेखा प्रमुख समेत कई अधिकारियों के खिलाफ 122 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज किया।
आरोप है कि इन अधिकारियों ने बैंक की तिजोरी से पैसे की हेराफेरी की। मुंबई की एक अदालत ने मुख्य आरोपियों की हिरासत 28 फरवरी तक बढ़ा दी है।
ग्राहकों के पैसे का क्या होगा?
अगर न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक डूबता है, तो ग्राहकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस के तहत 5 लाख रुपये तक की राशि सुरक्षित मिलेगी। यह सुविधा निक्षेप बीमा व प्रत्यय गारंटी निगम (DICGC) द्वारा प्रदान की जाती है।
पिछले कुछ वर्षों में, DICGC ने ऐसे कई दावों का भुगतान किया है। 2020 में, PMC बैंक घोटाले के बाद बीमा सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई थी।
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