आखिर सिलगेर क्यों नहीं पहुंच सकी भाजपा की टीम… तर्रेम से ही लौटना पड़ा जांच दल को, पड़ताल पूरी नहीं
पंकज दाउद @ बीजापुर। सिलगेर में तीन लोगों के मारे जाने और 18 लोगों के घायल होने की जांच के लिए बनी भाजपाइयों की इन्क्वायरी टीम शनिवार को सिलगेर नहीं पहुंच सकी। सिलगेर को कंटेनमेंट जोन घोषित किए जाने से तर्रेम थाने में ही टीम को रोक लिया गया।
भाजपा के जांच दल में पूर्व सांसद एवं अजजा आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, पूर्व मंत्री लता उसेण्डी, प्रदेश महामंत्री किरण देव, पूर्व विधायक डाॅ सुभाउ कश्यप, पूर्व विधायक राजाराम तोड़ेम एवं दंतेवाड़ा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जमुना नाग शामिल थे।
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जांच दल ने 22 मई को सिलगेर जाने की अनुमति प्रशासन से मांगी थी लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देते अनुमति नहीं दी गई। जब जांच दल शनिवार की दोपहर बासागुड़ा पहुंचा तो टीम को थाने में रोक लिया गया। वहां एएसपी पंकज शुक्ला ने भाजपा नेताओं से चर्चा की। उन्हें माहौल की जानकारी दी गई।
इसके बाद जांच दल तर्रेम पहुंचा जहां तहसीलदार शिवनाथ बघेल ने बताया कि सिलगेर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है और वहां जाने की मनाही है। तहसीलदार ने ये भी बताया कि रास्ते में गड्ढे कर दिए गए हैं और लकड़ियां बिछा दी गई हैं और ऐसे में वैसे भी जाना संभव नहीं है। जांच दल ने मृतकों और घायलों की सूची मांगी।
इस बीच बताया गया है कि हिंसक झड़प के दौरान घायल एक गर्भवती की मौत शुक्रवार को हो गई है।
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— Khabar Bastar (@khabarbastar) May 29, 2021
पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री लता उसेण्डी ने कहा कि भूपेश सरकार पूरी तरह फेल है। खासकर महिला सुरक्षा के मसले पर। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इधर पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने कहा कि सिलगेर की घटना के लिए जिम्मेदार केवल भूपेश सरकार ही है।
मामले पर कांग्रेसी मौन
पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि पूरे मामले पर कांग्रेस मौन है जबकि विपक्ष की भूमिका के दौरान छोटी सी बात को लेकर भी कांग्रेसी धरने पर बैठ जाते थे। अब ना तो सीएम भूपेश बघेल और ना ही आबकारी मंत्री कवासी लखमा कुछ बोल पा रहे हैं। इधर बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक भी मौन हैं।
निकल गए थे साय !
अनसुचित जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय कुछ देर से तर्रेम पहुंचे। यहां पहले से जांच दल को फोर्स ने रोक लिया था। जांच दल के सदसय पेड़ के नीचे बैठे थे। तभी दो कार वहां से गुजरी और तर्रेम थाने को पार करते सिलगेर की ओर निकल गईं। इस बीच थानेदार का ध्यान गया और उन्होंने तुरंत पीछे से गाड़ी भेजी और उन्हें वापस लाया।
एसडीएम दो दिनों से तर्रेम में
सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने सिलगेर मामले की दण्डाधिकारी जांच के आदेश दिए थे। इसके लिए एसडीएम रूपेन्द्र सिंह पटेल को नियुक्त किया गया है। दो दिनों से रूपेन्द्र पटेल एवं उनके रीडर तर्रेम में रूके हुए हैं और सुरक्षा कारणों और कंटेनमेंट जोन होने के कारण आगे नहीं जा पा रहे हैं।
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