पानी उतरा ना घर सलामत रहा और राशन भी खत्म हो गया… स्कूल में मध्याह्न भोजन से मिला 4 परिवारों को सहारा
पंकज दाऊद @ बीजापुर। मिंगाचल के भयावह रूप के खत्म होने का इंतजार कोटेर गांव के लोग करते रहे और इसी इंतजार में 3 से 4 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। फिर राशन भी खत्म हो गया। गांव के एक शिक्षक की सूझबूझ से स्कूल में शरण लिए करीब दो दर्जन लोगों को मध्याह्न भोजन दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक मिंगाचल में पानी उफान पर आ जाने से कोटेर गांव पूरी तरह चारों ओर से घिर गया। सिर्फ नाव से ही नदी को पार किया जा सकता था और वह भी किसी खतरेे से कम नहीं था।
बाढ़ में मकान क्षतिग्रस्त
इस गांव में बसे 3-4 परिवार के लोग इसलिए ज्यादा परेशान हो गए क्योंकि बाढ़ के चलते उनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए। तब उन्होेंने गांव के स्कूल में शरण ली। इस बात की खबर जब आला अफसरों को लगी, तो उन्होंने बीईओ को निर्देश दिया।
बीईओ ने इन परिवारों को मध्याह्न भोजन का सूखा राशन देने शिक्षक रामचंद्रम वारगेम से कहा। शिक्षक वारगेम गांव में ही रहते हैं। शिक्षक ने सूखा राशन इन ग्रामीणों को दिया। शिक्षक को इसे समायोजित करने कहा गया। दो दिन बाद भी इन प्रभावित परिवारों के लिए सूखा राशन भेजा गया।
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— Khabar Bastar (@khabarbastar) August 21, 2020
बताया गया है कि स्कूली बच्चों को 40 दिन का सूखा राशन दिया गया है। ये खत्म होेने पर फिर से राशन दिया जाएगा। गांव में ऐसे करीब 25 स्कूली बच्चे हैं। कोरोना के चलते बच्चों को उनके घरों तक सूखा राशन पहुंचाया जा रहा है।
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