Kitchen Vastu Tips, Vastu Tips, Vastu Upay, Vastu Niyam, Vastu Dosh : वास्तु शास्त्र में कई नियम बताए गए है। जिस घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। साथ ही सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के स्रोत बनते और बिगड़ते हैं। वास्तु शास्त्र में भोजन से जुड़े नियम भी मिलते हैं। पितृपक्ष अपनी समाप्ति पर है। जल्दी पितृपक्ष सर्वे पितृ अमावस्या के आगमन के साथ ही इसका समापन होगा।
इस बीच वास्तु शास्त्र में भोजन से जुड़े नियम के बारे में कुछ ऐसे तथ्य बताए गए हैं। जिसका पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। साथ ही मानसिक तनाव से लोगों को राहत मिलती है।
नियम का पालन अनिवार्य
पितृपक्ष ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी वास्तु के इस नियम का पालन अनिवार्य होता है। दरअसल दक्षिण दिशा यमलोक की दिशा होती है। पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध पूजा और शाम के दिया भी दक्षिण दिशा में ही जलाए जाते हैं। इसलिए दक्षिण दिशा में बैठकर कभी भी नहीं खाना चाहिए।
थाली में एक साथ कभी भी तीन रोटियां नहीं
वास्तु नियम के तहत थाली में एक साथ कभी भी तीन रोटियां नहीं पर परोसनी चाहिए। भोजन का यह नियम केवल पितृपक्ष नहीं बल्कि आम दिनों में भी लागू माना जाता है। एक साथ तीन रोटी ना देने का कारण यह भी है कि तीन रोटी हमेशा पितरों को चढ़ाई जाती है। ऐसे में यदि आप थाली में किसी को तीन रोटियां देते हैं तो उस थाली को पितर को समर्पित माना जाता है।
दक्षिण दिशा में खड़े होकर रोटी ?
वास्तु नियम के तहत दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है। इसलिए यदि आप दक्षिण दिशा में खड़े होकर रोटी बनाते हैं तो इससे आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो सकता है। पितृपक्ष में दक्षिण दिशा के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं और यहां से आपके पितरों का आना जाना होता है। ऐसे में माना जाता है कि उनके मार्ग में खड़े होकर आप उनके काम में विघ्न डालते हैं। इसलिए दक्षिण दिशा में खड़े होकर कभी भी रोटी नहीं बनना चाहिए।
दक्षिण दिशा की तरफ चेहरा करके खाना नहीं परोसने चाहिए
वास्तु नियम के तहत दक्षिण दिशा की तरफ चेहरा करके खाना नहीं परोसने चाहिए। पितृपक्ष में दक्षिण दिशा में खड़े होकर केवल पितर को ही खाना परोसा जाता है और पितरों के नाम की थाली में ही दक्षिण दिशा में खाना लगाया जाता है। ऐसे में दक्षिण दिशा में खड़े होकर खाना परोसना घर में नकारात्मक ऊर्जा का आगमन का कारण हो सकता है।
अनाज को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए
वास्तु नियम के तहत अगर घर में दक्षिण दिशा में कोई अलमारी या किचन स्टोरेज बॉक्स है तो उसे वहां से हटा देना चाहिए। दक्षिण दिशा पितर की दशा मानी जाती है । ऐसे में यदि दक्षिण दिशा में आप कोई भी अनाज रखते हैं तो इसका अर्थ यह होता है कि वह अनाज आप पितर को समर्पित कर रहे हैं। ऐसे में इसे पितरों को दान देने योग्य माना जाता है। जिसके कारण अनाज को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए।
Disclaimer : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। Khabar Bastar इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
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