बस्तर में आफत की बारिश: दर्जनों गांव बने टापू… पोटाकेबिन और हॉस्टल में घुसा पानी, 2 दिनों तक स्कूल बंद… रिहाइशी इलाकों में भी बाढ़ का खतरा, देखें Video
जगदलपुर/बीजापुर/सुकमा @ खबर बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में हो रही मूसलाधार बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। खासकर बीजापुर और सुकमा जिले में बाढ़ के चलते कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं।
दरअसल, दक्षिण बस्तर से सटे राज्यों महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना में भारी बारिश हो रही है। जिसके चलते गोदावरी, शबरी और इंद्रावती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। क्षेत्र के छोटे-बड़े नदी-नाले उफान पर हैं।
बाढ़ से सबसे ज्यादा बुरी हालत बीजापुर और सुकमा जिले की है। यहां शबरी नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ा है। बीजापुर और सुकमा जिले के सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। लगातार हो रही बारिश ने अंदरुनी इलाके के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी है।
कोंटा में बाढ़ के हालात
गोदावरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसकी वजह से कोंटा नगर पंचायत में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। कोंटा में शबरी नदी का पानी अब धीरे धीरे रिहाइशी इलाकों को अपने चपेट में लेने लगा है।
हॉस्टल में घुसा बाढ़ का पानी
कोंटा के वार्ड क्रमांक 5 कृष्ण मंदिर पारा में स्थित प्री मेट्रिक बालक आदिवासी छात्रावास में गुरूवार की सुबह बाढ़ का पानी घुस गया। हॉस्टल में चारों ओर पानी भरने से बच्चे बाढ़ में फंस गए।
खतरे को देखते हुए प्रशासन द्वारा प्री मेट्रिक बालक छात्रावास को खाली कराया गया और बच्चों को आईटीआई कालेज में शिफ्ट किया गया।
2 दिन तक स्कूल बंद
इधर, लगातार हो रही बारिश और शबरी नदी में आए बाढ़ की स्थिति को ध्यान मे रखते हुए कोंटा बीईओ एसके दीप द्वारा अगले 2 दिनों तक स्कूलों का संचालन बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
अगले दो दिनों तक संकुल कोंटा 1, संकुल कोंटा 2, संकुल मुरलीगुड़ा, संकुल बंडा, संकुल इंजरम, संकुल मुलाकिसोली और संकुल एर्राबोर के अंतर्गत सभी शिक्षण संस्थाएं बंद रहेंगी। हालांकि, इस अवधि में सभी टीचर्स अपने मुख्यालय पर उपस्थित रहेंगे।
दर्जनों गांवों का संपर्क टूटा
इधर, बीजापुर जिले के दर्जनों गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। मूसलाधार बारिश की वजह से नदी-नाले उफान पर हैं। जिले की मिरतुर नदी के भरने से से पटलीगुड़ा, केतुलनार, तोयनार, मिरतुर, तड़केल, चेरली, बेचापाल, मदपाल सहित 15 गांव टापू में तब्दील हो गए हैं।
भोपालपटनम ब्लॉक के तारलागुडा गांव में बाढ़ का पानी घरों में घुसने लगा है। गोदावरी नदी का जल स्तर बढ़ने से गांव चारों ओर से जलमग्न हो गया है। यहां नरसिंह रेड्डी के घर में पानी घुस गया है। तारलागुडा पोटाकेबिन में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं बस्ती के कई घरों के चौखट तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है।
इधर, बाढ़ के हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। लेकिन बाढ़ ग्रस्त इलाकों में खाद्य सामाग्री और मेडिकल सुविधा पहुंचाना प्रशासन के लिए भी मुश्किल हो गया है।
बाढ़ से हालात बेकाबू
बारिश की वजह से बीजापुर जिले में हालात बेकाबू हो रहे हैं। यहां रविवार को राशन से भरा ट्रैक्टर और PDS के चावल से भरा ट्रक पानी में बह गया था। वहीं सर्चिंग से लौट रहे CRPF कोबरा बटालियन का एक जवान भी बरसाती नाला पार करते वक्त तेज बहाव के साथ बह गया था। बाद में जवान की लाश मिली थी।
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