बस्तर-तेलंगाना बॉर्डर पर नक्सलियों की बड़ी सभा में जुटे टॉप नक्सली लीडर… हजारों ग्रामीणों की मौजूदगी में मनाया शहीदी सप्ताह, देखिए वीडियो
के. शंकर @ सुकमा। शासन और पुलिस प्रशासन बस्तर में नक्सलियों के बैकफुट में जाने का दावा करती है, लेकिन माओवादियों ने बस्तर-तेलंगाना बॉर्डर एरिया में एक बड़ी सभा का आयोजन कर इस दावे को सीधे तौर पर चुनौती दे डाली है।
शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सलियों ने बस्तर के अंदरूनी क्षेत्र के जंगलों में जनसभा का आयोजन किया, जिसमें हजारों ग्रामीणों के साथ ही तेलंगाना के कई टॉप नक्सली लीडर भी शामिल हुए।
10 हजार ग्रामीणों के जुटने का दावा
नक्सलियों की ओर से दावा किया गया है कि इस सभा में करीब 10 हजार से ज्यादा ग्रामीण जुटे। बताया गया है कि इस रैली में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के कई बड़े नक्सली भी शामिल हुए हैं।
अगर इसमें सच्चाई है तो नक्सलियों के खात्मे को लेकर सरकार और पुलिस की तरफ से जो दावे किए जा रहे हैं उस पर सवाल उठना लाज़िमी है।
बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी
बहरहाल, जंगल से बाहर निकलकर जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, उसमें नक्सलियों की जनसभा में काफी ग्रामीण और वर्दीधारी नक्सली साफ नजर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इस आयोजन को लेकर नक्सलियों की ओर से पिछले काफी समय से तैयारी की जा रही थी।
दक्षिण बस्तर और तेलंगाना के सीमावर्ती क्षेत्र के जंगलों में एक सुरक्षित स्थल को नक्सलियों ने चिन्हाकित किया और ग्रामीणों की मदद से एक बड़ा मंच तैयार किया गया, जहां जनसभा का आयोजन हुआ।
नक्सलियों ने अपने मृत साथियों की याद में एक भव्य स्मारक भी तैयार किया, जो अब तक का सबसे बड़ा स्मारक बताया जा रहा है।
देखिए Video…
हर साल मनाते हैं शहीदी सप्ताह
बता दें कि नक्सली हर साल 28 अगस्त से 03 जुलाई तक शहीदी सप्ताह मनाते हैं। इस दौरान मुठभेड़ों में मारे गए अपने साथियों के स्मरण में नक्सली विभिन्न आयोजन करते हैं।
लेकिन इस बार इस मौके पर नक्सलियों ने तो सक्रियता दिखाई है और जिस तरह इस आयोजन में नक्सलियों का जमघट लगा है, वह चिंता की बात है।
तेलंगाना और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों की पुलिस दावा करती है कि नक्सली कुछ हिस्सों में सिमट कर रह गए हैं। लाल आतंक का ग्राफ लगातार कम हो रहा है।
इसके बावजूद हथियारों से लैस सैकड़ों नक्सलियों और हजारों ग्रामीणों का बेखौफ होकर इस तरह एक बड़ी सभा में जुटना, इन दावों पर सवाल खडे़ करता है।
आश्चर्य की बात नहीं : IG
इधर, इस मामले पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमारा इंटेलिजेंस काफी मजबूत है। पुलिस द्वारा पिछले कुछ महीनों में ऐसी जगहों पर कैंप स्थापित किया गया है, जहां पहुंचना काफी मुश्किल था।
पुलिस और सुरक्षा बल बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
बस्तर आईजी ने कहा कि तेलंगाना के नक्सलियों का बस्तर में जमावड़ा होना आश्चर्य की बात नहीं है। वैसे भी नक्सली बाहर से ही आए हैं।
नक्सली हर साल अपने मारे गए साथियों की याद में शहीदी सप्ताह मनाते हैं। ग्रामीणों पर दबाव बनाकर सभा में शामिल किया जाता है।
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