खेतीहर मजदूरों को कैंसर से बचाएगा ये ड्रोन ! फसल की रोगों से रक्षा करने दवा छिड़काव में इस्तेमाल
पंकज दाऊद @ बीजापुर। कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों के समूहों के लिए ड्रोन की खरीदी पर विचार कर रहा है। ये ड्रोन कई मामलों में उपयोगी है क्योंकि ये ना केवल फसल में दवा का छिड़काव करेगा बल्कि खेतीहर मजदूरों को चर्म कैंसर से भी बचाएगा।
यहां पनारापारा में 16 अगस्त को केवीके परिसर में 15 किलो वजनी ऐसे ही एक ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। इसे चैन्नई की एक कंपनी ने लांच किया है लेकिन छग में इसका इस्तेमाल अभी शुरू नहीं हुआ है। तमिलनाडु में बड़े किसान इसका प्रयोग कर रहे हैं।
सामान्य तौर पर एक एकड़ में मैन्यूअली दवा छिडकाव करने में एक व्यक्ति को करीब एक घंटे लगते हैं जबकि ये ड्रोन 20 मिनट में ही छिड़काव बेहतर ढंग से कर देता है। बैटरी से संचालित इस ड्रोन में एक साथ 10 लीटर तक दवा रखी जा सकती है।
छह लाख की ये मशीन इसलिए भी ज्यादा कारगर है क्योंकि दवा छिड़काव के दौरान मजदूरों को चर्म कैंसर का खतरा बना रहता है और अतिरिक्त सावधानियां भी बरतनी पड़ती हैं।
केवीके के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक अरूण संकनी ने बताया कि इसका वजन करीब 15 किलो है। इससे 500 मीटर तक आसानी से रिमोट के जरिए दवा का छिड़काव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसकी खरीदी के लिए वे जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजेंगे।
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इसे स्व सहायता समूहों को सौंपा जाएगा ताकि दवा छिड़काव मे समय की बचत की जा सके। कृषि वैज्ञानिक अरूण सकनी के मुताबिक ये ड्रोन ना केवल धान बल्कि आम, नारियल केला एवं अन्य उद्यानिकी फसलों के पेड़ों पर भी दवा का छिड़काव कर सकता है।
केवीके में डेमो के दौरान वैज्ञानिक अरविंद आयाम, एससी ठाकुर, डाॅ केके पटेल, डाॅ दिनेश मरापी, भीरेन्द्र कुमार पालेकर, यंग प्रोफेशनल केशव सिन्हा एवं यमलेश भोयर के अलावा किसान मौजूद थे।
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