जहां ‘उधार’ का बाबू बनाता है पे बिल, कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा ये विभाग!
पंकज दाऊद @ बीजापुर। यहां मत्स्यपालन विभाग में कर्मचारियों की इस कदर कमी है कि हर माह इस कार्यालय के पे बिल तैयार करने के लिए दीगर विभागों के क्लर्क की सहायता लेनी पड़ती है। ऐसा नहीं है कि कर्मी सिर्फ कार्यालयीन स्टाफ में ही है, बल्कि मैदानी अमले की भी यहां भारी कमी होने से काम पर असर पड़ता है।
सूत्रों के मुताबिक जिले में निस्तारी, मछलीपालन एवं सिंचाई के 669 तालाब हैं। जिले में सिर्फ दो ही मत्स्य निरीक्षक इन तालाबों में मछलियों को पालने किसानों को सलाह देते हैं।
बताया गया है कि जिले में फिशरी इंस्पेक्टर के 6 पद मंजूर है। इनमें से दो निरीक्षक के पद जिला मुख्यालय के लिए मंजूर हैं। इसके अलावा हर ब्लाॅक के लिए एक-एक पद मंजूर हैं। इनमें से 4 पद खाली हैं। अब सिर्फ 2 ही निरीक्षकों के जिम्मे पूरा जिला है।
बताते हैं कि यहां सहायक ग्रेड 2 के जिम्मे पे बिल बनाना है लेकिन जून में सहायक ग्रेड दो की मौत हो गई। उनके स्थान पर नई पदस्थापना नहीं हो पाई है। अब दीगर विभाग के क्लर्क को बुलाकर पे बिल बनवाना पड़ता है।
इसके अलावा लेखा के अन्य कामकाज के लिए दीगर विभाग के क्लर्क का सहयोग लेना पड़ता है। सहायक ग्रेड दो का एक पद पहले से ही खाली है। सहायक ग्रेड तीन का एक पद भरा हुआ है। ड्राइवर, भृत्य, जमादार एवं चैकीदार के सभी पद भरे हुए हैं।
समस्या तो है
इस बारे में विभाग के सहायक संचालक एमएल बकोदिया का कहना है कि फिशरी इंस्पेक्टर के पद खाली होने से मैदानी कामकाज पर असर पड़ना स्वाभाविक है। किसी तरह मैनेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पे बिल के लिए क्लर्क की नियुक्ति के लिए भी पत्राचार किया जा रहा है।
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