अचार तो दूर, इस साल चटनी को भी तरस गए लोग… जानिए, आखिर क्या है आम के नहीं ‘बौराने’ का राज !
पंकज दाऊद @ बीजापुर। इस साल जिले में आम की फसल नहीं के बराबर हुई और इसके पीछे दो सबब सामने आए हैं। जंगल में आम के वृक्षों में तो आम बिलकुल भी नहीं लगे हैं और इससे लोग अचार तो दूर, इसकी चटनी के लिए भी तरस गए।
यहां से 10 किमी दूर नुकनपाल के एक अमराई के मालिक गोविंद तलाण्डी कहते हैं कि उनके बागीचे में बैंगनपरी, नीलम, दशहरी, बारहमासी एवं देसी किस्म के आम के पेड़ हैं। इस साल कुछ पेड़ों में इक्का-दुक्का आम ही लगे। पिछले साल अच्छी फसल थी। उन्होंने सीजन में 50-60 हजार रूपए के आम बेचे थे।
Read More:
लॉकडाउन में 100 किमी पैदल चलने से 12 साल की बच्ची की मौत…बॉलीवुड डायेरक्टर बोले- उसकी मौत के जिम्मेदार हम https://t.co/6x4Vl5D5Nr
— Khabarbastar.in (@khabarbastar) April 21, 2020
इधर, उद्यानिकी विभाग की पामलवाया नर्सरी में भी बहुत ही कम आम लगे हैं जबकि पिछले साल यहां अच्छी फसल थी। सड़क के किनारे लगाए गए पेड़ों और जंगल में भी आम दिखाई नहीं पड़े हैं जबकि एक साल पहले ये पेड़ आमों से लदे थे।
इस बारे में शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धरमपुरा जगदलपुर के वनस्पति विभाग के सहायक प्राध्यापक तुणीर खेलकर कहते हैं कि इस साल आम की फसल के कमजोर होने के दो प्रमुख कारण हैं। एक तो बौर लगने के समय बारिश हुई और बौर झड़ गए।
Read More:
#COVID19: सैंपल लेने जा रही मेडिकल टीम का ट्रैफिक पुलिस ने काटा चालान, दो हजार रुपए का लगा जुर्माना https://t.co/Xk2SqHOvIt
— Khabarbastar.in (@khabarbastar) April 15, 2020
दूसरी खास वजह आम के पेड़ों का किसी रूप में उर्जा या एनर्जी संचय (स्टोर) करना है। दरअसल, फूल और फल बनाने में पेेड़ को काफी उर्जा खर्च करनी होती है। इस वजह से हर दूसरे साल वह उर्जा का संचय करता है। ये साल भी उर्जा संचय का है और इस वजह से पेड़ों पर फल कम आए।
फूल बनने के लिए जिम्मेदार कौन
फूल बनने के लिए बहुत सारी चीजें जिम्मेदार होती हैं। डण्ठल और पत्ती में तीन प्रकार के रसायन ए, बी और सी बनते हैं। इन्हें फ्लोरोजेन नामक हार्मोन पुष्पीकरण के लिए प्रेरित करता है।
Read More:
Tik-Tok वीडियो बनाते समय हादसा, खदान में गिरने से युवती की मौत https://t.co/wvrlCENjbp
— Khabarbastar.in (@khabarbastar) April 25, 2020
पादप हार्मोन ए, बी और सी रसायन को नियंत्रित करते हैं। ये नियंत्रण उर्जा पर आधारित होता है। एक पादप हार्मोन डण्ठल में ज्यादा मात्रा में बन गया तो ये डण्ठल कमजोर हो जाता है और हवा-अंधड़ से टूट जाता है। फिर फूल नहीं बन पाते हैं।
- आपको यह खबर पसंद आई तो इसे अन्य ग्रुप में Share करें…
ख़बर बस्तर के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए इस Link को क्लिक कीजिए….
आपके काम की खबरें यहां है...👇🏻👇🏻👇🏻
दोस्तों, हमारे इस वेबसाइट पर आपको ताजा News Update सबसे पहले मिलेगी। चाहे वो Latest News हो, Trending खबरें हो, या फिर Govt Jobs, रोजगार व सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी।
हमारी कोशिश है कि आपके काम की हर खबर आप तक सबसे पहले पहुंचे। अगर आप हमारी खबरों का नोटिफिकेशन तुरंत पाना चाहते हैं तो हमारे WhatsApp ग्रुप और टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं।