कल तक चुनाव का बहिष्कार करने वाले आज बनवा रहे वोटर ID और आधार कार्ड… सरेंडर नक्सलियों को मिली नई पहचान
दंतेवाड़ा @ खबर बस्तर। दक्षिण बस्तर में इन दिनों बहुत कुछ बदल रहा है। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर करने वाले नक्सली अब समाज की मुख्यधारा में जुड़ने लगे हैं और आम जीवन जी रहे हैं।
जिला प्रशासन की पहल से अब आत्मसमर्पित नक्सलियों के मन में संविधान के प्रति आस जागी है। अब उन्हें भी यकीन हो चला है कि न्याय-कानून, संविधान और अहिंसा की राह पर चलकर ही उनका और उनके परिवार का जीवन सुखमय बनेगा।
जिला प्रशासन की पहल पर सरेंडर नक्सलियों को नई पहचान, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, आवास आदि आवश्यक बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराया जा रहा है। और वे भी आगे बढ़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने को तैयार हैं।
आपको बता दें कि बीते एक बरस में जिले में 375 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। जिनके पुनर्वास के लिए कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में रणनीति बनाई गई। जिसके तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने सर्वे कराया जा रहा है ताकि उन्हें सभी सामाजिक सुविधाएं मिल सके और वे भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
दरअसल, आत्मसमर्पित नक्सलियों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि उनके उनके पास कोई भी सरकारी पहचान पत्र नहीं था। प्रशासन ने इस परेशानी को समझा और सबसे पहले उनका राशन कार्ड, आधार कार्ड और मतदाता परिचय पत्र बनवाया गया।
अब तक 267 सरेंडर नक्सलियों के राशन कार्ड, 278 के आधार कार्ड और 305 के मतदाता परिचय पत्र बनवाए जा चुके हैं। वहीं 263 लोगों का बैंक में खाता खोला गया है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद दी जाती है तो वो उनके खाते में जमा हो और कोई बाहरी व्यक्ति उसमें दखल न दे सके। 88 लोगों का स्मार्ट कार्ड भी बन चुका है।
विभिन्न योजनाओं के तहत तीन आत्मसमर्पित नक्सलियों का रिवर्स नसबंदी भी कराया गया है। वहीं 104 आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासकीय सेवा में नियुक्त हेतु प्रशिक्षण दिया गया है, 16 आत्मसमर्पित नक्सलियों का मुख्यमंत्री कन्या विवाह के अंतर्गत सामाजिक रीति रिवाज के तहत विवाह कराया गया है।
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— Khabar Bastar (@khabarbastar) June 11, 2021
जिले में 40 आत्मसमर्पित नक्सलियों को वाहन चलाने का प्रशिक्षण देकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया गया है इसके अतिरिक्त 21 आत्मसमर्पित नक्सली परिवार को कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर, मुर्गी पालन हेतु शेड, बकरी पालन हेतु शेड, तालाब निर्माण, भूमि समतलीकरण में कार्य, मनरेगा जॉब कार्ड बनवाया जा चुका है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के बच्चों को स्कूल में भर्ती कर निर्धारित छात्रवृत्ति एवं छात्रावास की सुविधा का लाभ भी दिया जा रहा है, साथ ही 36 परिवार के लिए पुलिस लाईन कारली के पास सर्व सुविधायुक्त 36 आवास, 20 दुकान शेड व 20 बाजार शेड निर्माणाधीन है।
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