जहां मौत बैठी थी, वहां पहुंच गया था मुरली… ‘बीज जात्रा’ से उठा ले गए नक्सली‚ फिर 3 दिन बाद कर दी हत्या
पंकज दाऊद @ बीजापुर। सब इंस्पेक्टर मुरली ताती को क्या पता था कि वह अपने गांव के बीज जात्रा में जहां जा रहा है वहां मौत बैठी थी। आखिरकार तीन दिनों तक बंधक बनाए जाने के बाद नक्सलियों ने शुक्रवार की रात उसकी हत्या कर दी।
गंगालूर थाने से करीब 600 मीटर दूर सामुदयिक स्वास्थ्य केन्द्र के आगे पेदापारा में सुबह मुरली ताती का शव मिला। उसके पास एक नक्सलियों ने एक पर्चा भी छोड़ रखा था। उसमें नक्सलियों ने मुरली पर आरोप लगाए हैं।
भाकपा (माओवादी) की पश्चिम बस्तर डिविजनल कमेटी ने कहा है कि मुरली ताती सलवा जुड़म के समय से 2006 से 2021 तक डीआरजी में था। वह एड़समेटा, पालनार एवं मधुवेण्डी में हत्या, महिलाओं पर अत्याचार, छेड़छाड़, फर्जी मुठभेड़ों में पीएलजीए कार्यकर्ताओं की हत्या करना आदि में सक्रिय था।

नक्सलियों ने पर्चे में मुरली ताती पर निर्दोष ग्रामीणों को झूठे मामलों में जेल भेजने, लूटपाट एवं गश्त के दौरान लोगों को परेशान करने का भी आरोप लगाया है। नक्सलियों ने डीआरजी जवानों से कहा है कि पुलिस की नौकरी छोड़ लोगों के साथ रहो।
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बताया गया है कि मुरली गैस वाली गाड़ी में परपा से बैठकर बीजापुर आया था। इसके अगले दिन वह चेरपाल तक आया और फिर अपनी बहन के घर भोगामगुड़ा गया। वहां उसकी बहन नहीं थी तो वह एक दोस्त के साथ साइकिल से पालनार पहुंच गया।

पालनार में बीजजात्रा चल रहा था। वहां पूजा पाठ के बाद भोज चल रहा था। यहां पहले से ही नक्सली मौजूद थे। वहां से नक्सलियों ने मुरली का अपहरण कर लिया। मुरली के चाचा और भाई उसकी तलाश में घूम रहे थे और नक्सलियों से उसे छोड़ने की गुजारिश कर रहे थे लेकिन वह नहीं मिला।
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— Khabar Bastar (@khabarbastar) April 23, 2021
पता चला कि अपहरण के बाद उसे आठ किमी दूर कोरचोली ले जाया गया। फिर अगले दिन उसे बैलाडिला की तराई में बसे गांव एड़समेटा ले जाया गया। फिर पेदापारा में उसका शव मिला।
क्या है बीज जात्रा
हर साल गांव में एक दिन तय होता है। इस दिन लोग अपने ग्राम्य देवता की पूजा करते हैं। इस दिन महुए को भूनकर देवता को अर्पित किया जाता है। इसके बाद सूअर की बलि दी जाती है और गांव के लोग यहां भोजन करते हैं। इस दिन के बाद खेतों में बीज डालने की इजाजत मिलती है।
नई पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि
नई पुलिस लाइन में मुरली के पार्थिव शरीर को लाया गया। यहां बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक विक्रम शाह मण्डावी, आईजी पी सुंदरराज, कलेक्टर रितेश अग्रवाल, एसपी कमलोचन कश्यप, डीएफओ अशोक पटेल एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

यहां पत्रकारों से चर्चा में आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि हमने अगवा इस इंस्पेक्टर को मुक्त कराने की कोशिश की थी। मुरली ताती का अंतिम संस्कार जेलबाड़ा में उनके घर के समीप किया गया। उनके निधन से समूचा मोहल्ला गमगीन रहा।
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