सावन का महीना महादेव को समर्पित होता है। इस महीने का ही प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। इसी में से एक प्रमुख त्यौहार है पुत्रदा एकादशी व्रत। एकादशी का ज्योतिष में बेहद महत्व है।
एकादशी का व्रत हर साल सावन महीने के शुक्ला पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा में एकादशी के पुत्रदा व्रत को बेहद खास माना गया है। साथ ही लक्ष्मी नारायण की पूजा आराधना करते हुए व्रत भी रखा जाता है ।
पुत्रदा एकादशी के पुण्य प्राप्त से विवाहित महिलाओं को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है ऐसे में जन्म आरोग्य और सौभाग्य में वृद्धि के लिए सावन महीने के पुत्रदा एकादशी का बेहद महत्व है।
कब रखा जायेगा व्रत
पंचांग के अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी 16 अगस्त को है। इस तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को सुबह 10:26 पर होगी। वही समापन 16 अगस्त को 9:39 पर होगा।
हालांकि उदया तिथि के हिसाब से एकादशी का त्योहार 16 अगस्त को रखा जाएगा। 16 अगस्त को एकादशी का त्योहार व्रत रखकर विधि विधान से भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
क्या है पारण का समय
वही 17 अगस्त को सुबह 5:51 से लेकर सुबह 8:05 के बीच व्रत को खोला जा सकेगा और यह पारण का शुभ समय है। ज्योतिष के मुताबिक पुत्रदा एकादशी पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है।
इसी योग का निर्माण 1:12 से हो रहा है। वही समापन 17 अगस्त को सुबह 10:48 पर हो रहा है। भगवान विष्णु की पूजा करने पर साधक को उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
Disclaimer : आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। Khabar Bastar इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। किसी भी जानकारी के लिए अपने ज्योतिष आचार्य से संपर्क अवश्य करें।
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