Property Law: आए दिन हम प्रॉपर्टी की वजह से होने वाले विवादों के बारे में कोई ना कोई घटना जरूर सुनते हैं। हालांकि Property को लेकर सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के नियम पहले से ही बना दिए गए हैं।
ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की प्रॉपर्टी पर अवैध रूप से कब्जा ना करें और यदि कोई ऐसा कर लेता है तो आवेदक कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।
परंतु यह सारे लीगल मैटर काफी पेचीदा होते हैं जिसमें लंबा समय लग जाता है। क्या आप जानते हैं कि ऐसे विवादों से आप खुद भी निपट सकते हैं और अवैध कब्जा खाली करवा सकते हैं?
बिना कोर्ट जाए पाएं अपनी संपत्ति वापस जानिए
जी हां, Supreme Court के नए नियमों के अनुसार आप भी अपनी Property पर किए गए अवैध कब्जे से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं और वह भी बिना कोर्ट में मैटर उठाये। जी हां ,बिना कोर्ट की पेशी के आप अपने संपत्ति पर वापस अधिकार प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आपने अपनी संपत्ति किराए पर दी है और किराएदार घर खाली करने से मना कर रहा है तो आप भी कोर्ट के जटिल कानून में पड़े बिना अपनी प्रॉपर्टी पर कब्जा वापस प्राप्त कर सकते हैं आईए जानते हैं कैसे।
क्या है Supreme Court का नया फैसला
जैसा कि हमने बताया आए दिन प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे के मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाती रहती है । ऐसे में इतनी सारी याचिकाओं पर निर्णय ले पाना सुप्रीम कोर्ट के लिए नामुमकिन हो जाता है और यह पूरी प्रक्रिया काफी जटिल भी हो जाती है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अवैध संपत्ति पर कब्जे से जुड़े मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुना दिया है। यदि किसी व्यक्ति के पास में संपत्ति के वैध दस्तावेज उपलब्ध है और वैध टाइटल (Property Title) मौजूद है तो वह व्यक्ति बिना कोर्ट के आदेश के बलपूर्वक अपनी संपत्ति कब्जा करने वाले से वापस प्राप्त कर सकता है । यह फैसला Specific Relief act 1963 के अंतर्गत सुनाया गया है।
क्या होता है Specific Relief act 1963
Property Law: स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट 1963 की धारा 5 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के पास में अपने संपत्ति के संपूर्ण दस्तावेज हैं और संपत्ति का टाइटल है और कोई अन्य व्यक्ति उस व्यक्ति की संपत्ति पर अवैध कब्जा कर बैठ गया है तो स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट 1963 के अंतर्गत मालिक को इस संपत्ति को खाली करवाने का पूरा अधिकार होता है और बिना नोटिस मलिक कब्जाधारी को हटा सकता है ।
इस रिलीफ एक्ट के अंतर्गत यदि कब्जा करने वाला व्यक्ति आपकी प्रॉपर्टी को किसी प्रकार से तोड़ने की या उसे बेचने की कोशिश कर रहा है तो प्रॉपर्टी का मालिक स्टे आर्डर प्राप्त कर ऐसा करने से कब्जा धारी को रोक सकता है।
12 साल से ज्यादा रहने वाले किराएदार का प्रॉपर्टी पर कितना हक होता है?
Property Law: यदि किसी व्यक्ति ने अपना घर किराए पर दिया है और किराएदार उस घर में 12 साल से रह रहा है तो ऐसे में किराएदार उस प्रॉपर्टी का मालिक नहीं हो जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने नियम में यह स्पष्ट कर दिया है कि किराएदार चाहे कितने भी साल किराए के मकान में रह रहा हो परंतु इस संपत्ति का वैध मालिक की संपत्ति का असली हकदार होता है।
हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में यह सुनिश्चित करना जरूरी है की संपत्ति के वैध मलिक के पास में संपत्ति का टाइटल और जरूरी दस्तावेज हों अन्यथा इस पूरी प्रक्रिया में संपत्ति के मालिक का केस कमजोर हो सकता है।
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