श्रमिकों को बेचने की कोशिश, तेलंगाना के आरोपी ठेकेदार को पुलिस ने छोड़ा… पूर्व मंत्री गागड़ा का आरोप- मशीनों से हो रहा काम, मजदूर पलायन को मजबूर
पंकज दाऊद @ बीजापुर। पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने आरोप लगाया है कि जिले में रोजगार की स्थिति डांवाडोल हो गई है और मशीनों से काम होने से मजदूर तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश की ओर पलायन को विवश हो गए हैं।
यहां भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीनिवास राव मुदलियार, कोषाध्यक्ष संजू लुंकड़ एवं महिला आईटी सेल प्रभारी पूजा पोंदी ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले वेंकटापुरम के एक ठेकेदार शांतिनगर के मजदूरों को राजमहेंद्री फिर आंध्रप्रदेश के कड़प्पा जिले ले गए। वहां उनका काफी शोषण हुआ। उन्हें बेचने तक की कोशिश की गई।
वे मजदूर आ गए और पुलिस ठेकेदार को पकड़कर यहां ले आई लेकिन उसे छोड़ दिया गया। एफआईआर भी नहीं लिखी गई। इस बारे में प्रशासन ने कोई दिलचस्पी नहीं ली और 24 घंटे बाद भी अफसरों ने इस बात की जानकारी होने से इंकार कर दिया।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि पंचायतों में काम मशीनों से हो रहा है और लोग काम की तलाश में पड़ोसी प्रांतों की ओर जा रहे हैं। कुछ ही दिन पहले यहां से जा रहे मजदूरों की गाड़ी तेलंगाना में दुर्घटनाग्रस्त हो गई और मजदूर घायल हो गए।
श्रम विभाग की ओर से बीमा की राशि नहीं दी जा रही है। पुलिस और श्रम विभाग की आंख के नीचे से मजदूर पलायन कर रहे हैं। कांग्रेस के ठेकेदार मषीनों से काम करवा रहे हैं और इसमें प्रषासन की मौन अनुमति है। जिला कमीषनखोरी में चल रहा है।
पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने आरोप लगाया कि पैसे की बंदरबांट हो रही है। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क सभी में भ्रष्टाचार हो रहा है। नलकूप खनन का पैसा भी किसानों से लिया जा रहा है। जिला हॉस्पिटल अब केवल रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। सीएमएचओ खुद निर्माण एजेंसी बन गए हैं।
शिक्षा विभाग के काम में डीईओ उगाही कर रहे हैं। उसूर सड़क गुणवत्ताहीन है। इसे लेकर एफआईआर कराई जाएगी। रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। इससे शासन को राजस्व का सीधा नुकसान है।
जंगली सूअर ने झपट्टा मारा, ठेकेदार ने बेल्ट से मारा
शांतिनगर के चट्टानपारा के निवासी श्रीकांत गोरला ने बताया कि वेंकटापुरम के ठेकेदार फकीर बीजापुर आए थे और उन्होंने भोजन को छोड़कर रोजी 400 रूपए देने का झांसा दिया। फकीर के मुताबिक उन्हें वेंकटापुरम तेलंगाना में मछली पकड़ने का काम करना था।
यहां से दो महिलाओं समेत 14 श्रमिक 19 दिसंबर को वेंकटापुरम गए। वहां से उन्हें राजमहेन्द्री और फिर सीमांध्र के कड़प्पा जिले ले जाया गया। यहां चारों ओर पहाड़ व घने जंगल थे। बीच में तालाब था। वहां वे कमरभर पानी में डूबकर मछली पकड़ते थे। एक बार ही भोजन दिया जाता था।
ठेकेदार वहां काम नहीं करने पर बेल्ट से पीटते थे। इसके अलावा मजदूरी भी नहीं देते थे। वहां घना जंगल था। एक जंगली सूअर ने मजदूर अनिल जुमार पर झपट्टा मारने की कोशिश भी की।
इस बात की जानकारी जब बीजापुर में उनके रिश्तेदार भूषण संकनी को हुई तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की। पुलिस गांव तक नहीं पहुंची। इस बीच ठेकेदार ने कड़प्पा से सभी मजदूरों को बस में बिठा दिया। पुलिस उनसे भद्राचलम में मिली। फिर पुलिस ठेकेदार फकीर को लेकर बीजापुर आई। उसे पुलिस ने छोड़ दिया।
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