PM Wani Wi-Fi Scheme, Wi-Fi Scheme, PM Vani Wi-Fi, Free Internet : आज के समय में इंटरनेट सबसे आवश्यक हो गया है। पीएम मोदी जिसके हर नागरिकों को डिजिटल तौर पर कनेक्ट करना चाहते हैं। ऐसे में महंगे रिचार्ज लगातार इस प्लान में बाधा बन रहे हैं।
यही वजह है की मोदी सरकार अपना प्लान तैयार कर रही है। जिसके तहत पूरे देश में 5 करोड़ पीएम वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाए जाएंगे। इसके लिए सरकार की ओर से पीएम वाणी फ्रेमवर्क गाइडलाइन में सुधार किया गया है।
लोगों को महंगे रिचार्ज से राहत
सरकार की इस योजना से लोगों को महंगे रिचार्ज से राहत मिलेगी। सरकार की इस बदलाव के बाद कोई भी नागरिक अपने इलाके में व्यक्तिगत वाई-फाई हॉटस्पॉट लग पाएगा।
मौजूदा वक्त में पूरे समय में मोबाइल टावर के जरिए मोबाइल डाटा उपलब्ध कराया जा रहा है लेकिन देश के इसकी मौजूदगी कम है। ऐसे में मोबाइल में नेटवर्क नहीं आते हैं। जिसके फोन कॉलिंग और इंटरनेट इस्तेमाल में दिक्कत होती है।
पीएम वाणी वाई-फाई स्कीम
अब पीएम वाणी वाई-फाई स्कीम के जरिए सरकार हर इलाके में ब्रॉडबैंड वाई-फाई हॉटस्पॉट बना रही है, जो एक बड़े इलाके को सस्ती कीमत पर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करा पाएगा।
सरकार का मानना है कि इस बदलाव का बड़ा असर मोबाइल इंटरनेट की दुनिया में देखने को मिलेगा। देश में लाखों की संख्या में माइक्रो वाई-फाई हॉटस्पॉट बनकर तैयार होंगे।
इससे मोबाइल टावर के मुकाबले ब्रॉडबैंड के जरिए लोगों को सस्ता डाटा उपलब्ध कराया जा सकेगा।
5 करोड़ पीएम वाणी हॉटस्पॉट स्थापित करने की तैयारी
इस मामले मेंरिपोर्ट की माने तो दूरसंचार कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले बयान सही नहीं है।
गूगल अमेजॉन टीसीएस जैसे टेलीकॉम फॉर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले ब्रॉडबैंड इंडिया फॉर्म ने कहा कि पीएम वाणी एक जरूरी प्रोजेक्ट है और इसे सरकार को किसी तरह से राजस्व का नुकसान नहीं होगा।
इस मामले में ब्रॉडबैंड इंडिया फॉर्म कमाने की 5 करोड़ पीएम वाणी हॉटस्पॉट स्थापित करने से दूरसंचार कंपनी ब्रॉडबैंड की बिक्री से सालाना 60000 करोड रुपए तक राजस्व वसूल कर पाएगी।
दिशा निर्देश में संशोधन
दूरसंचार विभाग ने पब्लिक डाटा ऑफिस एग्रीगेटर के बीच रोमिंग के अनुमति देने वाले प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस के लिए दिशा निर्देश में संशोधन किया है।
जिससे टेलीकॉम और PDO के बीच कमर्शियल समझौता को जरूरी माना जाने वाली समझौते खत्म कर दिए गए। इसके अलावा PDO को टेलीकॉम कंपनी से मोबाइल डाटा ऑफ लोड स्वीकार करने की अनुमति दी गई है।
इससे लोगों को सस्ता इंटरनेट मिलने का रास्ता खुलेगा। हालांकि जिओ एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को नुकसान का डर सता रही है। जिसकी वजह से टेलीकॉम कंपनी स्कीम को गैर जरूरी बताया जा रहा है।
आज के वक्त में दूर दराज के इलाकों तक इंटरनेट पहुंचने का एकमात्र जरिया टेलीकॉम कंपनी है। वही टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि सरकार के इस प्लान से राजस्व में कमी होने की उम्मीद है।
इसकी शुरुआत 9 दिसंबर 2020 को की गई थी। अब इसमें नई क्रांति लाने की तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकारी इसे वाईफाई क्रांति कह रही है।
इसे सभी जनता को वाई-फाई के जरिए इंटरनेट उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे जनता को बेहद सस्ते प्लान पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हो सकती है।
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