NCERT New Books, NCERT Books, NCERT New Books For Class : एनसीईआरटी द्वारा बड़ी तैयारी की गई है। इसके तहत भारतीय अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद में 2025-2026 के लिए चार और अन्य कक्षाओं की किताब बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। 2025 -26 में एनसीईआरटी द्वारा चार कक्षाओं के लिए किताबों में बदलाव किया जाएगा।00
NCERT New Books : 2024-25 में सबसे पहले 3-6 की नई किताबें
स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के आधार पर 2024-25 में सबसे पहले कक्षा तीन और 6 की नई किताबें लाई गई थी और अगले वर्ष सारे अन्य कक्षाओं की किताबों को बदल जाएगा। एनसीईआरटी द्वारा विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निर्धारित भाषाओं में 79 प्राइमर विकसित किए गए हैं। ऐसे में शॉर्ट बुक से किसी भी भाषा को सीखने की शुरुआत की जाएगी।
NCERT New Books : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केअनुसार शिक्षा को बढ़ावा
यह प्राइमर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केअनुसार शिक्षा को बढ़ावा देंगे। जिसके कारण राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान में प्रशिक्षण परिषद द्वारा इसकी शुरुआत की गई है। एनसीईआरटी के निर्देशक दिनेश प्रसाद सकलानी का कहना है कि विभिन्न भाषाओं में 79 प्राइमरी तैयार कर लिए गए हैं। पहले चरण में कुल 121 प्राइमर तैयार किए गए थे। प्राइमर से किसी भी भाषा को सीखने की शुरुआती पल में मदद मिलेगी। इसके साथ ही यह एक प्रवेशिका होगी। जिसे किसी भी भाषा को सीखने के लिए शुरुआती कदम माना जा सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ही यह प्राइमर तैयार किया जा रहे हैं।
NERT New Books : 2025-26 में 4 कक्षाओं की नई किताबें लाने की तैयारी
जल्दी बचे हुए 42 प्राइमर भी तैयार किए जाएंगे। जिस पर तेजी से काम किया जा रहा है। ऐसे में एनसीईआरटी द्वारा 2025-26 में 4 कक्षाओं की नई किताबें लाने की तैयारी की गई है। प्रोफेसर सकलानी की माने तो कक्षा 4 5 7 और 8 की नई किताबें लाई जाएगी और हाल ही में एनसीईआरटी में अमेजॉन के साथ भी समझौता किया है। ऐसे में लोग घर बैठे किताब मंगवा भी सकेंगे।
NCERT New Books : राजभाषा सभ्यता और संस्कृति का बुनियादी ज्ञान भी होगा हासिल
प्राइमर की जगह वैज्ञानिक विधि से अक्षर पहचान के साथ पढ़ने और लिखने में मदद मिलती है। साथ ही बच्चों को किसी भी प्रदेश की सांस्कृतिक पहलुओं के बारे में पता चल सकेगा। बच्चे अपनी भाषा और मातृभाषा की ध्वनियों, वर्णों और शब्दों सहित वाक्य विन्यास आदि में जानकारी ले जाएंगे। साथ ही राजभाषा सभ्यता और संस्कृति का बुनियादी ज्ञान भी हासिल कर सकेंगे।
छात्रों को उनकी मातृभाषा में शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने और अपनी भाषा में अध्ययन करने का अवसर दिया जाएगा। इसके उद्देश्य से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा भारतीय भाषाओं के प्राइमर लॉन्च किए गए हैं। जिनमें आदिवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं के प्राइमर भी शामिल रहेंगे।
स्थानीय स्तर पर प्रचलित भाषाओं का भी ध्यान रखा गया है। ऐसे में एनसीईआरटी द्वारा अपनी तैयारी शुरू की गई है। जिसके तहत अगले साल चार अन्य कक्षाओं की किताबें में बदलाव किया जाएगा। जिसका लाभ छात्रों को मिलेगा।
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