Local holiday: राज्य सरकार ने नुवाखाई पर्व के अवसर पर स्थानीय अवकाश की घोषणा की है। इस मौके पर प्रदेश में अब छुट्टी रहेगी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद जीएडी द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने उड़िया समाज के प्रमुख त्योहार नुवाखाई (Nuwakhai) पर स्थानीय अवकाश घोषित किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के इस ऐतिहासिक फैसले से प्रदेश के उत्कल समाज के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
बता दें कि नुवाखाई पर्व (Nuwakhai festival) उड़िया समाज का एक पारंपरिक त्योहार है जो नई फसल के आगमन पर मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस फैसले के पीछे की कहानी और नुवाखाई पर्व का महत्व।
छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है जिसमें ऋषि पंचमी (नुवाखाई) के दिन स्थानीय अवकाश घोषित करने का उल्लेख किया गया है।
जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि जिन जिलों में उत्कल समाज की बहुलता है, वहां हर साल ऋषि पंचमी (नुवाखाई) के दिन स्थानीय अवकाश घोषित किया जाएगा। वहीं, अन्य जिलों में इसे ऐच्छिक अवकाश के रूप में मनाया जाएगा।
नुवाखाई पर्व का महत्व
नुवाखाई पर्व उत्कल समाज के लिए विशेष महत्व रखता है। इस अवसर पर परिवारजन एकत्र होकर भगवान को अर्पण करते हैं और सामूहिक भोज का आयोजन करते हैं। यह पर्व समाज की एकजुटता, परंपरा और संस्कृति को जीवंत बनाए रखता है।
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नुवाखाई पर्व उड़िया समाज का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस दिन लोग नई फसल का स्वागत करते हैं और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। इस त्योहार को अब छत्तीसगढ़ में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में नुवाखाई
छत्तीसगढ़ में भी उड़िया समाज की बड़ी आबादी निवास करती है। विशेषकर रायपुर, दुर्ग, महासमुंद और रायगढ़ जिले में उड़िया समाज की बहुलता है। इन जिलों में नुवाखाई पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
विधायक पुरंदर मिश्रा ने जताया आभार
रायपुर उत्तर के भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय प्रदेश के उत्कल समाज की सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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उन्होंने बताया कि पिछले अगस्त में उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर उड़िया समाज द्वारा प्रस्तुत आवेदन के आधार पर नुवाखाई पर्व पर शासकीय अवकाश घोषित करने का अनुरोध किया था।
उत्कल समाज और नुवाखाई की सांस्कृतिक धरोहर
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में उड़िया भाषा-भाषी समुदाय की बड़ी संख्या निवास करती है, जो अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और रीति-रिवाजों के लिए प्रसिद्ध है। समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने नुवाखाई पर्व के मौके पर अवकाश की घोषणा की है।
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