Lok Sabha Election 2024: देश की राजनीति में गांधी-नेहरू परिवार का कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ाव ऐतिहासिक है। लेकिन इस बार की लोकसभा चुनावों में एक अनोखा और हैरान कर देने वाला वाकया हुआ है।
दरअसल, गांधी परिवार ने इस बार कांग्रेस को वोट नहीं दिया। ये खबर न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि राजनीति के गलियारों में चर्चाओं का विषय भी बन गई है।
आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब गांधी-नेहरू परिवार ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया। यह खबर हैरान करने वाली है क्योंकि यह परिवार हमेशा से कांग्रेस का पर्याय माना जाता है।
इस बार के लोकसभा चुनाव में क्या हुआ, चलिए जानते हैं विस्तार से।
जानें क्यों नहीं दिया वोट?
बता दें कि गांधी-नेहरू परिवार के प्रमुख सदस्य सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी, बेटी प्रियंका गांधी, दामाद रोबर्ट वाड्रा और प्रियंका के बेटे सभी नई दिल्ली सीट के वोटर हैं।
यह सीट हमेशा से कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण रही है। लेकिन इस बार की स्थिति अलग है। दरअसल, इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन के चलते कांग्रेस को नई दिल्ली सीट नहीं मिल पाई।
इस सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सोमनाथ भारती चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में गांधी परिवार के पास कांग्रेस को वोट देने का विकल्प ही नहीं था।
नई दिल्ली सीट पर AAP का कब्जा
इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने मिलकर चुनाव लड़ा है, और गठबंधन के चलते नई दिल्ली सीट कांग्रेस को नहीं मिली।
इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार के सामने कांग्रेस नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार सोमनाथ भारती चुनाव लड़ रहे हैं।
नई दिल्ली सीट गठबंधन की मजबूरी
यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई क्योंकि बीजेपी और एनडीए के खिलाफ कांग्रेस ने ‘इंडिया गठबंधन’ बनाया है। इस गठबंधन के चलते दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
देशवासियों!
पहले पांच चरणों के मतदान में आपने झूठ, नफ़रत और दुष्प्रचार को नकार कर अपने जीवन से जुड़े ज़मीनी मुद्दों को प्राथमिकता दी है।
आज छठे चरण का मतदान है और आपका हर वोट सुनिश्चित करेगा कि:
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 25, 2024
वोट किसे दिया, ये रहस्य
हालांकि, गांधी-नेहरू परिवार ने इस बार किसे वोट दिया, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन एक बात तय है कि उन्होंने कांग्रेस को वोट नहीं दिया। यह पहली बार है जब यह परिवार कांग्रेस को वोट देने से वंचित रह गया।
नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस का रहा दबदबा
दिल्ली में कभी कांग्रेस का मजबूत दबदबा हुआ करता था। लेकिन इस बार के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ तीन सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है और बाकी सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में गई हैं।
नई दिल्ली सीट का कांग्रेस के साथ गहरा रिश्ता रहा है। 1951 में आजादी के बाद इस सीट का अस्तित्व आया और तब से लेकर अब तक हुए सभी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने यहां से चुनाव लड़ा है। यह सीट देश की सबसे प्रतिष्ठित सीटों में गिनी जाती है।
गठबंधन की मजबूरी या राजनीतिक रणनीति?
इस बार के लोकसभा चुनाव में गांधी-नेहरू परिवार का कांग्रेस को वोट न देना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम है, जो भविष्य की राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि राजनीति में कोई भी स्थिति स्थायी नहीं होती और चुनावी मजबूरियों के कारण कभी-कभी पारंपरिक मतदाताओं को भी नए विकल्प चुनने पड़ते हैं।
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