Bihar Politics, Bihar Election, Election 2025, Nitish Kumar, India Politics : जम्मू कश्मीर सहित कई राज्यों में एक तरफ जहां चुनाव चल रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र हरियाणा और झारखंड में भी होने वाले चुनाव से पहले चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। हर दल इस तरह एक्टिव है जैसे आमतौर पर चुनाव के दौरान होता है।
यह सब तब हो रहा है जब विधानसभा के चुनाव में अभी साल भर की देरी है। माना जा रहा है कि हर साल की तरह इस साल भी राजनीति में कुछ देखा जा सकता है। इस बार भी बाढ़ से राज्य की स्थिति गंभीर रूप से त्रस्त हुई है। वहीं अब मुख्यमंत्री द्वारा अचानक दिल्ली यात्रा से राजनीति गलियारे में समय से पहले चुनाव की चर्चा तेज हो गई है।
चुनाव की आहट का अनुमान
वहीं बिहार में चुनाव की आहट का अनुमान लगा रहे हैं तो ऐसा करना आश्चर्य नहीं है। हालांकि सत्तहरी दल भी सक्रिय हो गया है। ऐसे में कोई ना कोई बड़ी वजह जरुर मानी जा रही है। राष्ट्रीय सचिव मनीष वर्मा कार्यकर्ता समागम 27 सितंबर से शुरू कर चुके हैं। उनकी तैयारी हर जिले में जाकर कार्यकर्ताओं से संवाद करने की है। इसके साथ ही उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बन कर जेडीयू ने बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
भारतीय जनता पार्टी दूसरे तरीके से सक्रिय
इधर भारतीय जनता पार्टी दूसरे तरीके से सक्रिय हुई है। पार्टी ने इस महीने के आरंभ में सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी। वैसे अभियान राष्ट्रीयव्यापी है लेकिन बिहार में दूसरे दल किसी न किसी रूप में पब्लिक कनेक्ट में लगे हुए हैं। भाजपा के नेता सदस्य बनने के नाम पर लोगों तक पहुंच रहे है।
हालांकि इस अभियान में भाजपा को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल रही है। जिसके कारण उनके लिए चिंता का विषय बना हुआ है। जबकि राजद नेता तेजस्वी यादव ने हाल में ही आभार यात्रा निकाली थी। कई चरणों में चलने वाली उनकी यात्रा का पहला चरण पूरा हो चुका है। जिसमें उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की थी। उन्होंने इस बार महागठबंधन की सरकार हर हाल में बनाने का संकल्प भी लिया है।
अपनी सीटों को साधने की कोशिश
इसके अलावा एनडीए के दो पार्टनर जीतनराम मांझी और चिराग पासवान भी अलग रूप से सक्रिय हुए थे। एक तरफ जहां सरकारी योजनाओं के जरिए जीतनराम मांझी बिहार में सक्रिय हुए हैं। वही लोजपा के चिराग पासवान भी बेगूसराय शेखपुराऔर वैशाली में कई सभाएं कर चुके हैं। इसके साथ ही बिहार का दौरा करते हुए अपनी सीटों को साधने में लगे हुए हैं।
ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार में सत्ता के बचे एक साल के पहले ही विधानसभा चुनाव करवाया जा सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक रविवार को दिल्ली पहुंचे । सीएम क्यों गए यह किसी को मालूम नहीं है लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि राजनीतिक कारणों से उनका यह द्वारा काफी महत्वपूर्ण हो सकता है।
बिहार में समय से पहले चुनाव की चर्चा लोकसभा चुनाव के वक्त से ही हो रही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार समय से पहले चुनाव करवाना चाहते हैं जबकि अभी फिलहाल झारखंड हरियाणा और महाराष्ट्र में अक्टूबर नवंबर के महीने में चुनाव करवाने की तैयारी की जा रही है।
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