रायपुर @ खबर बस्तर। छत्तीसगढ़ में गरीबों के इलाज के लिए चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।
राज्य के कई निजी अस्पतालों ने इस योजना का दुरुपयोग कर सरकार से करोड़ों रुपये का फर्जी क्लेम (Fake Claim) किया। इस खुलासे के बाद राज्य सरकार ने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर समेत कुल 28 अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की है।
इन निजी अस्पतालों ने गरीबों के इलाज के नाम पर फर्जी क्लेम कर सरकारी कोष को लूटा। स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के अस्पतालों में छापेमारी कर झूठे दस्तावेज और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया। सरकार ने 15 अस्पतालों को योजना से बाहर किया, जबकि 8 को सस्पेंड कर दिया।
28 अस्पतालों पर गिरी गाज
जांच रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 28 अस्पतालों पर कड़ा एक्शन लिया है। इनमें से 15 अस्पतालों को आयुष्मान योजना से हटा दिया गया है, यानी अब ये अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं कर पाएंगे।
8 अस्पतालों को 3 से 6 महीने के लिए सस्पेंड (Suspend) कर दिया गया है, यानी ये अस्पताल इस दौरान आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा, 5 अन्य अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनसे जवाब मांगा गया है।
फर्जी क्लेम कर हड़पे करोड़ों रुपये
जांच में सामने आया कि कई निजी अस्पतालों ने मरीजों के नाम पर झूठे बिल बनाए और सरकार से अनाधिकृत रूप से पैसे वसूले। इतना ही नहीं, अस्पतालों ने प्रसव के दौरान जन्म लेने वाले स्वस्थ बच्चों को कुपोषित (Malnourished) दिखाकर अतिरिक्त क्लेम भी लिया।
मुख्य खुलासे:
- मरीजों के नाम पर फर्जी बिल तैयार कर करोड़ों की हेराफेरी।
- स्वस्थ नवजात बच्चों को कुपोषित बताकर अधिक पैसा वसूला।
- केंद्र सरकार को मिली शिकायतों के आधार पर छत्तीसगढ़ में जांच शुरू।
स्वास्थ्य सचिव के आदेश पर हुई जांच
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया (Amit Kataria) के निर्देश पर हेल्थ कमिश्नर डॉ. प्रियंका शुक्ला की अगुवाई में एक विशेष जांच टीम गठित की गई। 29 जनवरी को 14 टीमों ने एक साथ रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के निजी अस्पतालों पर छापेमारी की।
जांच की मुख्य बातें:
- गुप्त रूप से छापा: अचानक जांच के कारण अस्पतालों को कोई मौका नहीं मिला।
- रिकॉर्ड जब्त किए गए: सभी दस्तावेजों की गहन जांच की गई।
- रिश्वत की कोशिश: कई अस्पतालों ने जांच टीम को रिश्वत देकर मामला दबाने का प्रयास किया।
इन अस्पतालों पर हुई बड़ी कार्रवाई
सरकार ने 28 अस्पतालों पर सख्त कदम उठाए हैं। इनमें से 15 अस्पतालों को योजना से डी-इम्पैनल (De-Empanel) किया गया, जबकि 8 अस्पतालों को 3 से 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया। बाकी 5 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।
इन अस्पतालों पर हुई कार्रवाई:
- रायपुर: रामकृष्ण अस्पताल, रामकथा, एसआर अस्पताल, मातृशक्ति अस्पताल।
- बिलासपुर: मार्क अस्पताल, नोबल अस्पताल, महादेव अस्पताल।
- दुर्ग: प्लस हाईटेक, स्पर्श अस्पताल समेत अन्य।
फर्जी क्लेम की होगी रिकवरी
स्वास्थ्य विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि जिन अस्पतालों ने गलत तरीके से क्लेम (False Claim) किया है, उनसे पूरी रकम वसूली जाएगी। घोटाले में संलिप्त अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
घूस देने की कोशिश, पर टीम नहीं हुई झुकी!
जांच के दौरान कुछ अस्पताल प्रबंधकों ने रिश्वत देकर मामला दबाने की कोशिश की। लेकिन स्वास्थ्य सचिव के सख्त आदेशों के चलते टीम ने पारदर्शिता बनाए रखी। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमें लाखों रुपये ऑफर किए गए, लेकिन हमने सच सामने लाने का फैसला किया।”
क्या है आयुष्मान भारत योजना?
आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY) केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो गरीब और कमजोर परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराती है। लेकिन छत्तीसगढ़ के कई अस्पतालों ने इस योजना का दुरुपयोग कर जनता के पैसे की लूट की।
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