नई दिल्ली, 17 नवंबर 2024 – पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली को लेकर केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। जंतर मंतर पर हजारों सरकारी कर्मचारियों की भीड़ ने इस मुद्दे को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा है, और इसे खत्म करना उनके अधिकारों का हनन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसे संसद में उठाने और लागू करने की मांग की गई है।
रविवार को पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली को लेकर हजारों सरकारी कर्मचारी दिल्ली के जंतर मंतर पर एकजुट हुए। ये प्रदर्शन केंद्र सरकार के लिए चुनौती बन गया है, क्योंकि कर्मचारी लगातार अपने हक के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं।
‘ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लाइज फेडरेशन’ (AINPSEF) के नेतृत्व में इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा, “अगर हमारी मांग नहीं मानी गई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।”
पुरानी पेंशन स्कीम क्यों बना बड़ा मुद्दा?
देशभर से 91 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग को लेकर एकजुट हो चुके हैं। ‘ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन’ (AINPSEF) के नेतृत्व में इस आंदोलन ने राष्ट्रीय स्तर पर जोर पकड़ा है।
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आज जंतर मंतर पर आयोजित रैली में केंद्र, राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और स्वायत्त संस्थानों के हजारों कर्मचारी शामिल हुए। AINPSEF के मुताबिक, उनकी सदस्य संख्या अब 5 लाख से भी अधिक हो चुकी है।
प्रमुख मांगें:
- पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल किया जाए।
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को समाप्त किया जाए।
- कर्मचारियों की सैलरी से कट रहे 10% योगदान को तुरंत बंद किया जाए।
नेताओं को क्यों मिलती है आजीवन पेंशन?
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने यह बड़ा सवाल उठाया कि सिर्फ एक बार विधायक या मंत्री बनने वाले नेताओं को जीवन भर पेंशन मिलती है।
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कर्मचारियों का तर्क:
- “हम पूरी जिंदगी काम करते हैं, फिर भी हमें पेंशन का अधिकार नहीं मिलता। यह अन्याय है।”
- पेंशन सिर्फ कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि उनके बुढ़ापे और अगली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षा है।
OPS बनाम NPS: इसलिए है कर्मचारियों की चिंता
OPS (पुरानी पेंशन स्कीम):
- आजीवन पेंशन की गारंटी।
- कर्मचारियों के बुढ़ापे की सुरक्षा।
NPS (नई पेंशन स्कीम):
- बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित।
- पेंशन की निश्चित राशि की कोई गारंटी नहीं।
कर्मचारियों का कहना है कि NPS उनके लिए बेहद नुकसानदायक है, क्योंकि यह उनके भविष्य को असुरक्षित बनाता है।
OPS बहाली की मांग क्यों?
सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना (NPS) उनके भविष्य के लिए असुरक्षित है।
- क्या है समस्या:
- NPS में पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।
- कर्मचारियों की सैलरी से 10% कटौती हो रही है, लेकिन उन्हें उचित लाभ नहीं मिल रहा।
- रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी आर्थिक तनाव में गुजारनी पड़ती है।
कर्मचारियों का गुस्सा, सरकार पर सवाल
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने पूछा,
- “एक नेता सिर्फ एक बार विधायक बनता है और उसे जीवन भर पेंशन मिलती है।
लेकिन, जो कर्मचारी पूरी जिंदगी सेवा देते हैं, उन्हें पुरानी पेंशन का हक क्यों नहीं मिलता?”
उन्होंने यह भी मांग की है कि सैलरी कटौती तुरंत बंद की जाए और OPS को लागू किया जाए।
AINPSEF के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन
‘ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लाइज फेडरेशन’ के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में 91 लाख से ज्यादा कर्मचारी शामिल हो चुके हैं।
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- आज की रैली में केंद्र, राज्य और स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों ने भाग लिया।
- AINPSEF के पांच लाख से अधिक सदस्य इस मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
प्रधानमंत्री से सीधी अपील
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा अनुरोध किया।
- प्रमुख मांगे:
- पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए।
- नई पेंशन योजना (NPS) को पूरी तरह खत्म किया जाए।
- संसद में इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया जाए।
कर्मचारियों का कहना है कि OPS की बहाली से न केवल उनका भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि सरकार और कर्मचारियों के बीच विश्वास भी मजबूत होगा।
क्या होगी सरकार की प्रतिक्रिया?
सरकार के लिए यह मुद्दा केवल कर्मचारियों का नहीं बल्कि करोड़ों परिवारों से जुड़ा हुआ है। अब यह देखना होगा कि प्रधानमंत्री और सरकार इस पर क्या कदम उठाते हैं।
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