केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी है! सरकार 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) लाने पर विचार कर रही है। जी हां, आपने सही सुना! देश के करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। आइए जानते हैं इस खबर के बारे में विस्तार से।
8वां वेतन आयोग: कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत?
मनी कंट्रोल डॉट कॉम की रिपोर्ट् के अनुसार, सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर चर्चाएं शुरू कर दी हैं। राष्ट्रीय संयुक्त परामर्श मशीनरी (NC-JCM) के स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित में 8वें वेतन आयोग की मांग की है।
मिश्रा का कहना है कि मौजूदा आर्थिक विकास और मजबूत वित्तीय स्थिति को देखते हुए, यह सही समय है कि सरकार इस दिशा में कदम उठाए।
महत्वपूर्ण बिंदु: 8वें वेतन आयोग के लागू होने से लाखों कर्मचारियों को वेतन में वृद्धि मिल सकती है, जो उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का कार्य करेगी।
क्या है 8वां वेतन आयोग?
भारत में प्रत्येक दशक में कर्मचारियों के वेतन में सुधार के लिए एक वेतन आयोग का गठन किया जाता है। 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हुआ था, और अब केंद्रीय कर्मचारी 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं।
8वें वेतन आयोग की मांग क्यों?
NC-JCM के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने हाल ही में सरकार के सामने यह मांग रखी है। उनका कहना है कि देश की आर्थिक स्थिति में मजबूती आई है और GDP में भी सुधार हो रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को उनकी मेहनत का फल मिलना चाहिए।
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कर्मचारियों की मांग पर जोर
बता दें कि NC-JCM एक संवाद मंच है जो सरकार और कर्मचारियों के बीच विवादों को सुलझाने का काम करता है। इस मंच ने 8वें वेतन आयोग की मांग को लेकर सरकार को दो मेमोरेंडम भेजे हैं।
हाल ही में, सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे से मुलाकात कर यह मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है, ऐसे में 8वें वेतन आयोग का गठन उचित है।
मुलाकात का मुख्य बिंदु: वित्त सचिव से हुई इस मुलाकात में जीडीपी ग्रोथ और विभिन्न सेक्टर्स की प्रगति पर चर्चा हुई, जो वेतन आयोग की मांग को समर्थन देती है।
8वें वेतन आयोग से क्या हो सकता है असर?
वेतन आयोग का गठन सरकार के कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में सुधार के लिए किया जाता है। नए वेतन आयोग के गठन के बाद सिफारिशें तैयार की जाएंगी, जिन्हें लागू करने से कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि हो सकती है।
हालांकि, सरकार के वित्त पर इसका अतिरिक्त बोझ भी पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ा था।
वेतन आयोग का उद्देश्य: हर 10 साल में नए वेतन आयोग के गठन का उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में सुधार लाना होता है।
7वें वेतन आयोग से अब तक की स्थिति
पिछला 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जिससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी हुई। इसके बाद 8वें वेतन आयोग की मांग उठ रही है।
हालांकि, सरकार ने अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। पिछले संसद सत्र में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया था कि सरकार के पास फिलहाल इस पर कोई प्रस्ताव नहीं है।
जानने योग्य तथ्य: 7वें वेतन आयोग की घोषणा चुनाव-पूर्व बजट में की गई थी, जबकि 8वें आयोग की घोषणा के लिए समय निर्धारण अभी नहीं हुआ है।
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