Kalyug Prediction, Kalyug Alert, Kalyug Rahasya, Vishnu Puran : आज के वर्तमान समय में सभी के मन में एक सवाल जरूर उठ रहे हैं कि कलयुग की शुरुआत आखिर कब हुई थी? कलयुग के कारण क्या है और कलयुग का अंत कब होगा? आखिर कलयुग कब खत्म होगा? हमारे आसपास लगातार बढ़ रहे पाप और संवेदनशील घटनाओं की कहानियों से लोग परेशान हो चुके हैं।
ऐसे में एक बार फिर से वह किसी चमत्कार का इंतजार कर रहे हैं। जिसके बाद आम जनता के मन में लगातार यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कलयुग का अंत कब हो जाएगा? विष्णु पुराण में कलयुग के अंत से जुड़े रहस्य बताए गए है।
कलयुग आखिर है क्या?
विष्णु पुराण के मुताबिक कलयुग के आने के साथ ही धरती पर पाप की अपनी चरम सीमा पर आगे बढ़ेगा। कलयुग आखिर है क्या? विष्णु पुराण श्रीमद् भागवत पुराण और भविष्य पुराण आदि पुराणों में कलयुग की व्याख्या की गई है। कलयुग का अंत कब होता है? कलयुग यानी एक परछाई युग।
कलयुग में सभी रंग कहीं खो जाते हैं और और सत्य जैसे रंगों का नामोनिशान नहीं रह जाता है। कलयुग में कलह क्लेश की प्रचुरता पाई जाती है। इसके साथ ही हर प्राणी के मन में अ संतोष की भावना देखने को मिलती है। द्वेष भावना कलयुग का सबसे परम आकर्षण है। महाभारत के बाद जितनी भी अप्रिय घटनाएं घटी है, उसे कलयुग आगमन की गति बढ़ती चली गई।
कुल 5126 वर्ष कलयुग के बीत चुके
शास्त्रों और पुराणों के मुताबिक कलयुग 432000 साल लंबा होगा। कलयुग अभी अपने प्रथम चरण में है। वर्तमान में हम लोग कलयुग के प्रथम चरण में जी रहे हैं। अभी 3102 + 2024 मिलाकर कुल 5126 वर्ष कलयुग के बीत चुके हैं।
भूमि लोक और स्वर्ग लोक में समय अलग-अलग
ऐसे में फिलहाल कलयुग के खत्म होने में कई हजार सालों का इंतजार बाकी है। बता दे की पुराणों में मिले संकेत के मुताबिक भूमि लोक और स्वर्ग लोक में समय अलग-अलग गति से कार्य करता है। ऐसे में धरती लोग पर किसी मनुष्य के 30 वर्ष स्वर्ग लोक में देवताओं के लिए एक महीने के बराबर माने जाते हैं। साथ ही मनुष्य का एक महीना पितर लोक में एक दिन के समान होते हैं।
5 वर्ष की स्त्रियां गर्भवती होगी
जब बात कलयुग के चरम सीमा पर आती है तो कहानी डरावनी तथ्य अभी निकल कर सामने आते हैं। विष्णु पुराण में किए गए उल्लेख के मुताबिक कलयुग जब अपनी चरम सीमा पर होगा तो मनुष्य की आयु घटकर केवल 20 वर्ष रह जाएगी। 5 वर्ष की स्त्रियां गर्भवती होगी जबकि छोटी-मोटी बीमारियों का मुकाबला भी मनुष्य जाति नहीं कर सकेगी।
पृथ्वी पर कलयुग के चरम सीमा में चारों ओर सूखा पड़ेगा। धरती पर से हरियाली विलुप्त हो जाएगी।अनाज की उपज समाप्त हो जाएगी। भीषण गर्मी के साथ ही बहुत अधिक बारिश और हड्डियां गलने वाली सर्दियों का भी दौर देखने को मिलेगा। इन संकेतों से माना जाएगा कि जल्दी कलयुग का अंत होने वाला है। फिलहाल कलयुग के अंत के लिए कई हजार सालों का इंतजार बाकी है। फिलहाल वर्तमान में हम आम जनता कलयुग के प्रथम चरण में है।
कलयुग का देवता शनि शिव और राहु
वही कलयुग का देवता शनि शिव और राहु को माना गया है। इनकी आराधना से अपने अंदर के पापों सहित अन्य हीन भावनाओं का नाश किया जा सकता है। साथ ही मानवता का धर्म निभाकर कलयुग में आप और हम अच्छे कृत्य के भागी बन सकते हैं।
कलयुग आगमन के संकेत
माना जाता है कि श्री कृष्ण के मानव शरीर का त्याग वैकुंठ गमन, पांडवों का स्वर्ग जाना और यदवंशु का विनाश होना। ऐसे ही घटनाएं थीं, जिनमें कलयुग आगमन के संकेत मिले थे। वही विष्णु पुराण के मुताबिक कलयुग का आरंभ 3102 इस पर्व का माना जाता है। भविष्य पुराण विष्णु पुराण और श्रीमद् भागवत पुराण में कलयुग के अंत का भी वर्णन किया गया है।
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