Employees News, Employees Benefit, Employees Salary : हाई कोर्ट द्वारा कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला लिया गया है। अब उनसे अतिरिक्त वेतन की वसूली नहीं की जाएगी।
वसूली पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं। लाखों कर्मचारियों को इससे फायदा होगा। दरअसल तृतीया और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को हाईकोर्ट में बड़ी राहत दी है।
विश्वविद्यालय द्वारा अत्यधिक वेतन भुगतान की राशि की वसूली के आदेश पर रोक लगा दी गई है।
विश्वविद्यालय के तृतीय और चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के वेतन भुगतान को अत्यधिक बढ़कर भुगतान राशि की वसूली के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा आदेश जारी किया गया था।
याचिका दायर
जिसके खिलाफ याचिका दायर की गई थी। हाई कोर्ट में इसकी सुनवाई शुरू हुई है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय के द्वारा कर्मचारियों की अत्यधिक वेतन की वसूली को निकल गए पत्र पर रोक लगा दी गई है।
पुनर्विचार करने के भी निर्देश
साथ ही यह निर्देश दिया गया है कि विश्वविद्यालय के द्वारा अत्यधिक वेतन भुगतान से संबंधित निकाले गए पत्र के लिए अपना रिप्रेजेंटेशन विश्वविद्यालय को दे और उसे पर पुनर्विचार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इस प्रक्रिया तक अत्यधिक वेतन वसूली से संबंधित विश्वविद्यालय के आदेश पर फिलहाल रोक रहेगी। कर्मचारियों को अब राज्य सरकार को वेतन भुगतान नहीं करना होगा।
कर्मचारियों को अधिक वेतन भुगतान की वापसी के संबंध में पत्र जारी
श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय ने अपने तृतीया और चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को अधिक वेतन भुगतान की वापसी के संबंध में पत्र जारी किया था।
इसमें कहा गया था कि सातवें वेतनमान के तहत विश्वविद्यालय में उन्हें अधिक वेतन भुगतान कर दिया गया है। इसलिए अत्यधिक वेतन को वापस करना होगा।
हाई कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाई
इस मामले में अधिवक्ता राजेश कुमार ने याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट में दलील लेते हुए कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय ने सातवें वेतनमान के तहत कई कर्मचारियों को 16 और 17 लाख रुपए अधिक का भुगतान किए जाने के संबंध में पत्र निकाला है।
जबकि सप्तम वेतनमान के तहत अधिक भुगतान की वसूली के भी आदेश दिए गए हैं। हाई कोर्ट को बताया गया कि विश्वविद्यालय का यह आदेश गलत है। इसके बाद हाई कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाई है।
झारखंड सरकार के वित्त विभाग के अधिसूचना 18 जनवरी 2017 के तहत राज्य के सभी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से सप्तम वेतनमान की सिफारिश का लाभ देने जाने का निर्णय लिया गया था।
इस संबंध में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय ने 25 जनवरी 2023 को सूचना जारी की थी।
वेतन से करीब 16 लाख की वसूली के लिए पत्र जारी
जिसमें कर्मचारियों को सप्तम वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिए जाने का निर्णय लिया गया था। इसके साथ विश्वविद्यालय के सभी बकाया वेतन कर्मचारी और शिक्षकों को भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे।
लेकिन 25 जून 2024 को अचानक विश्वविद्यालय ने तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के वेतन से करीब 16 लाख की वसूली के लिए पत्र जारी किया था।
जुलाई महीने में कर्मचारियों के वेतन के करीब 22000 रुपए की वसूली भी कर ली गई थी। जिसके खिलाफ कर्मचारियों द्वारा हाईकोर्ट में या शिकायत की गई थी।
अब कर्मचारियों को राहत दी गई है। उन्हें सातवें वेतनमान का ही लाभ मिलेगा लेकिन उन्हें अतिरिक्त वेतन का भुगतान नहीं करना होगा।
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