हाई कोर्ट ने एक बार फिर से कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने पंचायत में लगे तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने की आदेश दिए हैं।
प्रदेश सरकार की नीति के तहत नियमित करने के आदेश को चुनौती देने में हुई देरी को माफ करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में सरकार की अपील को खारिज कर दी गई है।
बता दे की हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रामचंद्र राव और सत्येंद्र ने सुनवाई के दौरान कहा कि एकल पीठ के फैसले पर सवाल उठाने सरकार का अधिकार है लेकिन उसे फैसले के प्रति हासिल करने के बाद निर्धारित 30 दिन की अवधि के भीतर अपील तैयार करने के लिए कदम उठाने चाहिए थे।
न्यूनतम वेतन देने और नियमित करने का आदेश जारी
हाई कोर्ट ने कहा कि प्रशासनिक प्रक्रिया में देरी की दलील पर सरकार को देर से अपील तैयार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
बता दे की 25 सितंबर 2021 को एकलपीठ ने तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतन देने और नियमित करने का आदेश जारी किया था। सरकार ने इस मामले में 213 दिन की देरी को माफ करने के आवेदन के साथ खंडपीठ के समक्ष इस चुनौती दी थी।
यह है मामला
पंचायती राज विभाग के अनुसार यह मामला पहले नवंबर 2023 को कानून विभाग के समक्ष उठाया गया था। एक सवाल हमेशा उठ रहें कि एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी जानी चाहिए या नहीं।
कानून विभाग ने 3 जनवरी 2024 को कहा था कि अगर एकलपीठ के निर्णय को चुनौती देने की आवश्यकता नहीं है। वित्त विभाग ने कार्मिक विभाग से परामर्श किया है।
कार्मिक विभाग ने फैसला को चुनौती देने की सलाह दी है। जिसके बाद 18 जून को इसे मंत्रिमंडल की बैठक में रखा गया था। मंत्रिमंडल ने इस फैसले पर अपील तैयार करने का निर्णय लिया था।
जिसके बाद हाईकोर्ट में अपील तैयार की गई थी। इससे पहले 2005 में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा बनाया गया था। सरकार ने उनके लिए वेतन निर्धारण के नियम भी बनाए थे।
नियमित तकनीकी सहायक को इतना मिलगा वेतन
नियमित तकनीकी सहायक को 10300-34800 और 3000 रूपए का ग्रेड पे दिया जाता था जबकि अनुबंध सहायकों को 5910 और सिर्फ ₹3000 के ग्रेड पे का प्रावधान किया गया था।
सरकार ने 2019 की 23 जुलाई को तकनीकी सहायक के 1081 पद को सृजित करने का निर्णय लिया था। 2020 में 115 पद अनुबंध के आधार पर भरे गए थे।
कमीशन आधार पर वेतन देने के आदेश जारी
नियुक्ति पत्र में उन्हें 8910 मासिक दिए जाने का निर्णय लिया गया था लेकिन विभाग में दिसंबर 2021 को उन्हें कमीशन आधार पर वेतन देने के आदेश जारी कर दिया है।
इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिस पर एकल पीटने विभाग की ओर से जारी कमीशन आधार पर वेतन देने के आदेश को निरस्त कर दिया था और उन्हें भी न्यूनतम वेतन देने के आदेश दिए थे।
नियमितीकरण नीति का लाभ देने की आदेश
साथ ही उन्हें नियमितीकरण नीति का लाभ देने की आदेश दिए गए थे। इस मामले को हाई कोर्ट के समक्ष रखा गया था। हाई कोर्ट ने सरकार के अपील खारिज कर दी है।
ऐसे में पंचायत में लगे तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतन का लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें नियमितीकरण का भी लाभ मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश में पंचायत में नियुक्त तकनीकी सहायकों के वेतन में इससे बड़ा इजाफा देखा जाएगा। एक तरफ जहां उन्हें 34000 वेतनमान तक का लाभ दिया जा सकता है। इसके साथ ही उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी।
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