OPS Latest News: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। केन्द्र सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत आने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन देने पर विचार कर रही है।
यह प्रस्तावित बदलाव कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही पेंशन संबंधी चिंताओं को दूर कर सकता है।
यदि आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं और अपनी पेंशन को लेकर चिंतित हैं, तो आपके लिए बड़ी राहत की खबर है।
अब आपको अपनी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन मिलने की संभावना है। सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक कमेटी का गठन किया है, जो इस योजना पर विचार कर रही है।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे यह योजना आपके भविष्य को सुरक्षित कर सकती है और सरकार ने इसके लिए क्या-क्या प्रावधान किए हैं।
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ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की वापसी की मांग
विपक्षी दलों द्वारा लगातार ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से शुरू करने की मांग की जा रही है। OPS में कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन मिलने की गारंटी थी, जबकि NPS में ऐसा नहीं है।
NPS में कर्मचारी और सरकार मिलकर पेंशन के लिए योगदान करते हैं, और अंतिम पेंशन राशि बाजार प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
सोमनाथन समिति की सिफारिशें
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता वाली एक समिति ने विभिन्न देशों के पेंशन सिस्टम और कुछ राज्यों द्वारा किए गए बदलावों का अध्ययन किया है।
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समिति ने 25-30 साल तक सेवा करने वाले कर्मचारियों के लिए 50% पेंशन की गारंटी देने की सिफारिश की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने उन कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन देने की योजना बनाई है। इसके लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को पुनः लागू करने के खिलाफ है, लेकिन इसके बावजूद वह सरकारी कर्मचारियों की पेंशन संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए नई योजनाओं पर काम कर रही है।
विपक्षी दल भी पुरानी पेंशन स्कीम की वापसी की मांग कर रहे हैं, जिसमें कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन की गारंटी मिलती थी।
NPS बनाम OPS: क्या है अंतर?
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में कर्मचारियों को अंतिम सैलरी का 50% पेंशन मिलती थी, जिसे डिफाइंड बेनेफिट पेंशन स्कीम कहा जाता है।
वहीं, NPS एक डिफाइंड कंट्रिब्यूशन स्कीम है, जिसमें कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 10% योगदान करते हैं और सरकार 14% योगदान करती है।
सोमनाथन कमेटी ने अन्य देशों और राज्यों में पेंशन सिस्टम का अध्ययन किया है और उनके बदलावों को देखा है।
मिलेगी पेंशन की गारंटी
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार उन कर्मचारियों को अंतिम सैलरी की 50% पेंशन देने पर विचार कर रही है, जिन्होंने 25-30 साल नौकरी की है।
अधिकारियों का कहना है कि NPS में 25-30 साल निवेश करने पर कर्मचारियों को संतोषजनक रिटर्न मिलते हैं, जो OPS में मिलने वाली पेंशन के बराबर हो सकते हैं।
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हालांकि, NPS से कम पेंशन की शिकायत मुख्य रूप से उन लोगों से आई है, जिन्होंने 20 साल की सेवा से पहले ही स्कीम से बाहर निकल गए।
2004 में शुरू हुआ था NPS
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2004 से अपने कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की शुरुआत की थी, जिसमें केवल आर्म्ड फोर्सेज को बाहर रखा गया था।
2009 में इसे आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया था। NPS में 18 से 70 साल की उम्र के व्यक्ति निवेश कर सकते हैं और इसमें निवेश पर अच्छा टैक्स बेनेफिट भी मिलता है।
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