Honorarium Hike, Employees Honorarium Hike, Salary Hike: राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों को बड़ी राहत दी गई है। कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
इसके तहत शिक्षकों को सेवा से नहीं हटाया जाएगा। इसके अलावा उनके मानदेय में भी बढ़ोतरी की जाएगी।
मंगलवार को ही कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के तदर्थ शिक्षकों के मानदेय पर उन्हें रखने को सहमति दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नवंबर 2023 में सेवा से हटाए तदर्थ शिक्षकों को कैबिनेट ने अस्थाई तौर पर मानदेय पर रखे जाने की प्रस्ताव को सहमति दी है।
इतना बढ़ा मानदेय
इसके साथ ही व्यवसायिक शिक्षकों को इंटरमीडिएट में 500 रूपए प्रति कक्षा मानदेय का लाभ दिया जाता है, इसे बढ़ाकर 750 रुपए कर दिया गया है।
अधिकतम 15000 रूपए तक उन्हें वेतन उपलब्ध कराए जाते थे। जिसे बनाकर 20000 रूपए किया गया है।
हाई स्कूल के व्यवसायिक शिक्षकों को प्रति कक्षा 400 रुपए दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर 500 रूपए प्रति कक्षा किया गया है। वहीं उनके मानदेय 12000 रूपए थे, जिसे बढ़ाकर 15000 रुपए किया गया है।
तदर्थ शिक्षकों को मिलेगा लाभ
वहीं कैबिनेट ने माध्यमिक विद्यालय में अस्थाई रूप से मानदेय पर शिक्षक रखे जाने की प्रक्रिया और कार्य को शर्त के साथ मंजूरी दी है।
इस मामले में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा के पद खाली है।
इतना मिलेगा मानदेय
जिसके कारण शिक्षण कार्य पर असर पड़ा है। ऐसे में शिक्षण कार्य को सुचारू रूप से चलने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।
सेवा से हटाए गए शिक्षकों को अस्थाई तौर पर 30000 मानदेय पर रखने का निर्णय लिया गया है।
विस्तृत जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि जो शिक्षक कक्षा 9 और 10वीं में पढ़ाएंगे, उन्हें 25000 रुपए, और जो शिक्षक 11 और 12वीं कक्षा को पढ़ाएंगे, उन्हें 30000 रुपए दिए जाएंगे।
इसके साथ ही अंशकालीन प्रवक्ता प्रबंधन नियम अनुसार रखें गए शिक्षकों के लिए मंडल स्तर पर कमेटी का गठन किया जाएगा।
यह था मामला
बता दे कि एडेड कॉलेज में शिक्षा की कमी को देखते हुए 1993 के बाद सदस्य शिक्षकों की तैनाती की जाती थी। इससे लगभग सामान्य शिक्षा के बराबर मानदेय भी उपलब्ध कराया जाता था।
बाद में इसी आधार पर एडेड कॉलेज में बड़ी संख्या में शिक्षकों को भर्ती किया गया था। जिसके बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
सुप्रीम कोर्ट के आधार पर माध्यमिक शिक्षा विभाग में नवंबर 2023 में आदेश जारी किया था। जिसमें 20 से 25 साल से काम कर रहे शिक्षकों को बकाया वेतन देकर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थी।
अब इन्हीं शिक्षकों को मानदेय पर रखने के प्रस्ताव तैयार किए गए थे। जिससे कैबिनेट में मंजूरी दी गई है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश के 992 राजकीय और माध्यमिक विद्यालय में विषय विशेषज्ञ के रूप में 2000 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा।
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