Regular Employees, Employees Regularization Benefit : कर्मचारियों के नियमितीकरण (Employees Regularization) पर एक बार फिर से बड़ी अपडेट सामने आई है।
राज्य के एक लाख से अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी और अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश हाई कोर्ट द्वारा दिया गया था।
इन कर्मचारियों को नियमित करने की तिथि 27 जून तक निर्धारित की गई है लेकिन अब तक इस मामले में सरकार द्वारा कोई विशेष कदम नहीं उठाया गया है।
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हाई कोर्ट ने 120 दिन की समय सीमा में याचिका दायर करने वाले लोगों के मामले में विचार करने का आदेश दिया था।
इस मामले में अब तक राज्य सरकार की तरफ से विभागों द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी से संबंधित कोई जानकारी मांगी है। ना ही इस मामले में विचार किया गया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि क्या एक बार फिर से कर्मचारियों का नियमित करने की प्रक्रिया अटक सकती है या उनके नियमितीकरण पर जल्दी उन्हें कोई विशेष लाभ मिलेगा?
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नियमितीकरण की कार्रवाई की जानी है
इस मामले में दैनिक वेतन भोगी और अस्थाई कर्मचारियों के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नियमितीकरण की कार्रवाई की जानी है लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अनिल सुजरी का कहना है कि अभी यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
नियमितीकरण से संबंधित फाइल उनके पास नहीं पहुंची है। फाइल आने पर आगे की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इस मामले में निपटारे का आश्वासन
इस मामले में कर्मचारी नेता अशोक वर्मा का कहना है कि नगरीय निकायों में 10 वर्ष से अधिक समय तक सेवा दे चुके दैनिक वेतन भोगी और अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की गई है।
कर्मचारियों के हित में कुछ अच्छा निर्णय लेने की बात उनके द्वारा की गई है। जल्द इस मामले में निपटारे का आश्वासन दिया गया है। इस मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग ने कर्मचारी नेता से संपर्क किया है।
पीडब्ल्यूडी विभाग ने कर्मचारी नेता से किया संपर्क
पीडब्ल्यूडी विभाग ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले में चर्चा के लिए 26 जून को उन्हें बैठक के लिए बुलाया है। मध्य प्रदेश के अन्य विभागों द्वारा फिलहाल इस पर कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है।
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दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष गोकुल चंद्र राय के मुताबिक, 31 जनवरी 2004 को लोक अदालत में दैनिक वेतन भोगी और अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार ने सहमति दी थी लेकिन अब तक कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ नहीं मिला है।
हाईकोर्ट ने दी थी 120 दिन की समय सीमा
यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा था जिस पर हाई कोर्ट के आदेश के तहत ऐसे कर्मचारी जिन्होंने 10 साल या उससे अधिक समय तक सरकारी विभागों में सेवा दी है।
उन्हें नियमित किया जाना है। इसके लिए हाईकोर्ट ने 120 दिन की समय सीमा दी थी। यह समय सीमा 27 जून को समाप्त होने वाली है।
ऐसे में सरकार के पास अब कर्मचारियों को नियमित करने के लिए महज 6 दिन बचे हैं लेकिन अब तक सरकार द्वारा इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।
जिसके बाद माना जा रहा है कि प्रदेश के 1 लाख से अधिक कर्मचारियों को नियमित होने के लिए अभी उन्हें इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि, सरकार की तरफ से कभी भी इस मामले में कदम उठाए जा सकते है।
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