आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक ऐसा फैसला लिया है जो भारतीय राजनीति में नई हलचल मचा रहा है। नायडू की पार्टी तेलगू देशम पार्टी (TDP) ने स्पष्ट कर दिया है कि आंध्र प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण जारी रहेगा।
इस घोषणा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, क्योंकि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में BJP ने मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ जोरदार प्रचार किया था।
ऐसे समय में जब बीजेपी अपने तीसरे कार्यकाल के लिए पूरी तैयारी में है, टीडीपी नेता का मुस्लिम आरक्षण को जारी रखने का ऐलान बीजेपी के लिए एक नई चुनौती बन गया है।
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने मुस्लिम आरक्षण का विरोध किया था, लेकिन टीडीपी ने अपने अलग रुख के साथ इसे जारी रखने की घोषणा की है। इससे एनडीए में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
- क्या चंद्रबाबू नायडू का यह फैसला BJP के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा?
- क्या यह मुद्दा NDA में तनाव पैदा करेगा?
- क्या चंद्रबाबू नायडू का यह फैसला BJP की नीतियों को प्रभावित करेगा?
आइए, जानते हैं इस महत्वपूर्ण मुद्दे के सभी पहलुओं को।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगू देशम पार्टी (TDP) के नेता चंद्रबाबू नायडू ने अपने हालिया फैसले से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।
उन्होंने घोषणा की है कि आंध्र प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण जारी रहेगा, जिससे BJP की नीतियों के प्रति उनका विरोध साफ झलकता है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने नरेंद्र मोदी को एक बार फिर अपना नेता चुन लिया है और मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
हालांकि, इस बार भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, इसलिए उन्हें टीडीपी और जनता दल यूनाइटेड (JDU) का समर्थन भी चाहिए। NDA में शामिल इन पार्टियों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं, जिनमें मुस्लिम आरक्षण भी एक है।
BJP ने किया था पुरजोर विरोध
बता दें कि चुनावी प्रचार के दौरान BJP ने मुस्लिम आरक्षण का जोरदार विरोध किया था, जबकि टीडीपी का रुख इसके बिल्कुल विपरीत है।
NDA की बैठक से पहले टीडीपी नेता के रवींद्र कुमार से जब पूछा गया कि क्या आंध्र प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण जारी रहेगा, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “हां, हम इसे जारी रखेंगे। कोई समस्या नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि टीडीपी केंद्र से आंध्र प्रदेश के विकास में सहयोग की उम्मीद रखती है, क्योंकि राज्य पिछले 25 सालों से विकास की दौड़ में पिछड़ गया है।
भाजपा को बहुमत नहीं
दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों में BJP को अकेले बहुमत नहीं मिला है। NDA के घटक दलों के समर्थन से ही BJP सरकार बना पाएगी।
नीतीश कुमार की JDU ने 12 और चंद्रबाबू नायडू की TDP ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है, जिससे ये दोनों नेता किंगमेकर की भूमिका में आ गए हैं।
NDA की बैठक में नीतीश कुमार और नायडू दोनों ने अपना समर्थन दिया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक उनकी मांगें भी भरपूर हैं।
ऐसे में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर टीडीपी का स्टैंड BJP के लिए एक नई चुनौती पेश कर रहा है।
BJP को अब अपने सहयोगी दलों के साथ तालमेल बिठाते हुए सरकार चलानी होगी, जिसमें कई मुद्दों पर समझौता करना पड़ सकता है।
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