कांकेर @ खबर बस्तर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां अंधविश्वास के चलते पुरुषों ने प्रसूता का शव गांव में दफनाने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने महिला के शव को कंधा तक नहीं दिया। आखिरकार गांव की महिलाओं ने ही प्रसूता की अंतिम यात्रा निकाली और शव का अंतिम संस्कार किया गया।
यह पूरी घटना कांकेर के तुमसनार गांव की है। जानकारी के मुताबिक, यहां की रहने वाली गर्भवती महिला सुकमोतीन कांगे (32) को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया था। इसी महीने की 15 तारीख को उसने बच्चे को जन्म दिया लेकिन शिशु की आधे घंटे बाद ही मौत हो गई। सुकमोतीन को जब इस बारे में पता लगा तो सदमे से उसने भी दम तोड़ दिया।
घटना के दूसरे दिन जच्चा-बच्चा का शव गांव पहुंचा तो अंतिम संस्कार के लिए कोई पुरुष सामने ही नहीं आया। दरअसल, यहां ऐसा अंधविश्वास है कि किसी प्रसूता का शव गांव में दफनाने से वह भूत-प्रेत बन जाती है। वहीं प्रसूता के शव को शादीशुदा पुरुष हाथ भी नहीं लगाते।
इसी अंधविश्वास के चलते जब प्रसूता के अंतिम संस्कार के लिए पुरूष सामने नहीं आए तो गांव की महिलाओं ने यह बीड़ा उठाया और प्रसूता को कांधा देकर शमशान तक लेकर गईं और शव को गांव के बाहर दफनाया गया।
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बताया गया है कि मृतक महिला एक एनजीओ से जुड़कर काम कर रही थी। इसी सिलसिले में वह जशपुर और राजस्थान गई थी। राजस्थान में पंकज चौधरी नामक युवक से उसकी दोस्ती हो गई और दोनों ने तीन साल पहले शादी कर ली थी। वर्तमान में दोनों तुमसनार गांव में ही साथ रहते थे।
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