महफूज़ अहमद @ खबर बस्तर। दंतेवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव खत्म होने के बाद अब सबकी नजरें चित्रकोट सीट पर लग गई हैं। भाजपा ने जहां इस सीट पर पूर्व विधायक लच्छू राम कश्यप को उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं कांग्रेस ने राजमन बेंजाम पर दांव लगाया है।
पिछले दो चुनावों में चित्रकोट सीट कांग्रेस के कब्जे में रही है। यहां से दीपक बैज लगातार दो दफे विधायक चुने गए। अप्रैल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें बस्तर से सांसद का टिकट दिया और उन्होंने पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते भाजपा से दो दशक बाद यह सीट छीन ली।
दीपक बैज के सांसद बनने के बाद चित्रकोट सीट खाली हुई है। यहां कांग्रेस ने इस बार बस्तर ग्रामीण अध्यक्ष राजमन बेंजाम को मैदान में उतारने का फैसला किया है। वहीं भाजपा ने पूर्व विधायक लच्छू राम कश्यप पर एक बार फिर भरोसा जताया है। वे यहां से पूर्व में विधायक रह चुके हैं।
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कांग्रेस के पास ‘क्लीन स्वीप’ का मौका
कांग्रेस अपनी यह सीट जीतकर ‘भाजपा मुक्त बस्तर’ के नारे को साकार करना चाहेगी। वहीं भाजपा की कोशिश होगी कि चित्रकोट सीट में जीत दर्ज कर दंतेवाड़ा की हार की क्षतिपूर्ति की जाए। पूर्व सीएम डॉ रमन ने इस बाबत बयान भी दिया है कि बीजेपी दंतेवाड़ा में मिली हार का बदला चित्रकोट सीट जीतकर लेगी।
दूसरी ओर कांग्रेस हर हाल में इस सीट पर विजयश्री चाहती है। पार्टी उपचुनाव में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बात के संकेत दे चुके हैं कि चित्रकोट सीट जीतने नई रणनीति पर काम होगा। दंतेवाड़ा में भूपेश सरकार के कामकाज के बलबूते जीत हासिल हुई है और यह सीट जीतकर पार्टी क्रम को आगे भी जारी रखना चाहती है।
दो तिहाई मतदान केन्द्र संवेदनशील
आपको बता दें कि चित्रकोट विधानसभा में 229 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें बस्तर जिले में 213 और सुकमा जिले में 16 मतदान केंद्र शामिल हैं। इन मतदान केंद्रों में 70 अति संवेदनशील और 93 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं। 38 मतदान केंद्र राजनीतिक रूप से संवेदनशील है। वहीं 5 मतदान केंद्रों को शिफ्ट किया जा रहा है।
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दरअसल, चित्रकोट सीट को जीतना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी। कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज को 62616 वोट मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी लच्छू राम कश्यप को 44846 वोट मिले। दोनों की जीत-हार का अंतर 17770 वोटों का था।
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लोकसभा चुनाव में भी यही किस्सा दोहराया गया। अप्रैल 2019 में हुए लोस चुनाव में फिर से दोनों प्रत्याशी आमने सामने थे। देशभर में चली मोदी लहर के बावजूद भाजपा का यह किला ढह गया। दीपक बैज ने 38 हजार 982 वोटों के बड़े अंतर से बैदूराम कश्यप को हरा दिया। बैज को 4 लाख 2 हजार 527 वोट मिले, जबकि बैदूराम कश्यप को 3 लाख 63 हजार 545 वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा था।
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