छत्तीसगढ़ में 3 स्थानों का नाम बदलेगी भूपेश सरकार, अब इस नाम से जाने जाएंगे ये स्थल
रायपुर @ खबर बस्तर। छत्तीसगढ़ के ऐतिहासक महत्व के 3 स्थानों का नाम बदलने वाला है। भूपेश बघेल सरकार इन स्थलों का नया नामकरण करेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी सहमति दे दी है।
जिन स्थानों का नाम बदलने वाला है उनमें चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम शामिल है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब इन स्थलों को नए नामों से जाना जाएगा। नए नामों का राजपत्र में प्रकाशन किया जाएगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर छत्तीसगढ़ सरकार ने यह निर्णय लिया है।
चंदखुरी का नाम अब माता कौशल्याधाम चंदखुरी होगा। वहीं गिरौदपुरी को बाबा गुरु घासीदास धाम गिरौदपुरी के नाम से अब जाना जाएगा। इसी तरह सोनाखान को शहीद वीरनारायण सिंह धाम सोनाखान के नाम से नई पहचान मिलेगी।
चंदखुरी
राजधानी रायपुर से 17 किमी दूर स्थित चंदखुरी गांव को भगवान राम की मां कौशल्या का जन्म स्थान माना जाता है। यहां तालाब के बीचों-बीच माता कौशल्या का मंदिर है, जो 10वीं शताब्दी में बनाया गया था।
दुनिया भर में माता कौशल्या का यह इकलौता मंदिर है। माता कौशल्या के जन्म स्थल के कारण ही इसे रामलला का ननिहाल कहा जाता है। यह श्रीराम वनपथ गमन पर्यटन परिपथ में भी शामिल है।
गिरौदपुरी
बलौदाबाजार जिले से करीब 40 किमी की दूरी पर महानदी तथा जोंक नदियों के संगम में स्थित, गिरौदपुरी धाम छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे सम्मानित एवं प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यह सतनाम पंथ के अनुयायियों की आस्था का बड़ा केन्द्र है।
यह गांव गुरु घासीदास जी का जन्म स्थल भी है। यहां कुतुबमीनार से भी लगभग पांच मीटर ऊंचे जैतखाम का निर्माण किया गया है, जिसकी भव्यता देखते ही बनती है।
सोनाखान
सोनाखान 1857 की क्रांति में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह की जन्मस्थली है। वीर नारायण सिंह का जन्म सन् 1795 में सोनाखान के जमींदार रामसाय के हर हुआ था।
वे बिंझवार आदिवासी समुदाय के थे, उनके पिता ने 1818-19 के दौरान अंग्रेजों तथा भोंसले राजाओं के विरुद्ध तलवार उठाई थी।
बता दें कि संसदीय सचिव चंद्रदेव राय, गुरूदयाल सिंह बंजारे, इंद्रशाह मंडावी, यूडी मिंज तथा विधायक बृहस्पत सिंह, गुलाब सिंह कमरो और डॉ. विनय जायसवाल ने सोमवार को मुख्यमंत्री से जनभावनाओं के अनुरूप गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने का आग्रह करते हुए इस संबंध में अपना पत्र सौंपा था।
छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री डॉ. महंत रामसुंदर दास ने भी जनआस्था को देखते हुए हरेली के दिन 28 जुलाई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चंदखुरी का नाम माता कौशल्याधाम चंदखुरी करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने इन मांगों पर त्वरित निर्णय लेते हुए इन स्थानों के नए नामकरण के निर्देश दिए हैं।
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