जिले के जंगल में 2862 स्थानों पर लगी आग ! वनकर्मियों की हड़ताल से शिकारियों और लकड़ी तस्करों की मौज
पंकज दाऊद @ बीजापुर। वन कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के बाद से छग में करीब 13000 स्थानों पर आग लगी है और इसमें बीजापुर जिले का ‘योगदान’ 2862 है। सत्रह दिनों से चल रही हड़ताल के चलते बेजा कब्जा करने वालों के अलावा शिकारियों, पारद खेलने वालों व लकड़ी तस्करों की मौज है।
सूत्रों के मुताबिक वन कर्मचारी अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर सत्रह दिनों से हड़ताल पर हैं। तब से अब तक जिले में 2862 स्थानों पर आग लगी है। फायर वाॅचर तो तैनात हैं लेकिन वन रक्षकों की मौजूदगी में ही वे काम करते हैं। उनकी ज्यादा दिलचस्पी नहीं होती है।
अकेेले इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 1374 स्थानों पर आग लगी है जबकि सामान्य वन मण्डल में 1207 जगहों पर आग भड़की। पामेड़ वन भैंसा अभयारण्य में 281 वनखण्डों में आग देखी गई। इससे पुनरूत्पादन पर खतरा मण्डरा रहा है।
हड़ताल से लकड़ी तस्करों की पौ बारह है। जंगल में बेतहाशा कटाई हो रही है। खेत बनाने के लिए भी बेजा कब्जा किया जा रहा है। अभी पारद का सीजन चल रहा है। इससे जानवरों को खतरा है और इससे भी ज्यादा खतरा शिकारियों से है।
वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ मांझी ने बताया कि एक मई से तेंदूपत्ता तोड़ाई शुरू होगी। ये आदिवासियों के आय का एक प्रमुख जरिया है। हड़ताल से तेंदूपत्ता तोड़ाई में बाधा पैदा होगी। उन्होंने कहा कि मुख्य मांग वेतन निर्धारण एवं बढ़ोतरी की है।
19 सालों से सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है। अब लिखित में आश्वासन सरकार से लिया जाएगा। वन रक्षकों का ग्रेड पे 1200 से बढ़ाकर 2400, फारेस्टर का ग्रेड पे 2200 से बढ़ाकर 2800, डिप्टी रेंजर का ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर 4200 एवं रेंजर का ग्रेड पे 4300 से बढ़ाकर 4800 रूपए किए जाने की मांग की गई है।
रेंजर एसोसिएशन ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। धरने में भाग लेने रेंजर कोटेश्वर राव चापड़ी, रितेश ठाकुर, मनोज बघेल, मोहन बुराडे, विनोद तिवारी, कमल कश्यप, सुबोध झा, जीआर कुरसामी, राजेन्द्र इंजापुरी एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। जिले में वन रक्षक से डिप्टी रेंजर तक सभी 270 कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
एकता ही शक्ति
सभा को संबोधित करते रेंजर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष कोटेश्वर राव चापड़ी ने कहा कि आंदोलन के दौरान आश्वासन से कुछ नहीं होने वाला है। लिखित में ये बात सरकार से चाहिए। हमें आंदोलन को आगे बढ़ाना है और डगमगाना नहीं है। यूनियन की एकता से ही मांगें पूरी हो सकेेंगी।
इस मौके पर रेंजर रितेश ठाकुर, कमल कश्यप, विनोद तिवारी एवं अन्य वक्ताओं ने भी एकता पर बल दिया। बताया गया है कि 21 अप्रैल से लिपिक वर्ग भी आंदोलन में शामिल होगा।
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