अब कचरे पर भी टैक्स लगेगा, पालिका को होगी 18 लाख की कमाई… पहली बार इस नगर निकाय ने लागू किया ये नया कर
पंकज दाऊद @ बीजापुर। नगरपालिका इस वित्त वर्ष से लोगों से हर दिन कचरा उठाने के एवज में एक रूपए का टैक्स यूसर चार्ज के तौर पर वसूली कर रही है और इससे नगर निकाय को करीब 18 लाख रूपए की आमदनी होगी।
सूत्रोें के मुताबिक इस आशय का आदेश 2017 में जारी किया गया था। पिछले साल से इसे लागू किया जाना था लेकिन ये लागू नहीं हो सका। इस वित्त वर्ष से इसे लागू कर दिया गया है। सालभर में 360 रूपए करदाताओं से यूसर चार्ज के तौर पर वसूले जाएंगे।
2011 की जनगणना के मुताबिक पालिका क्षेत्र की आबादी 16129 थी, जो अब बढ़कर करीब 22000 हो गई है। अब तक की तारीख में पालिका एरिया में करदाताओं की संख्या 4913 है। पिछले साल 78 फीसद लोगों ने कर के तौर पर करीब डेढ़ करोड़ रूपए दिए थे।
पालिका अध्यक्ष बेनहूर रावतिया बताते हैं कि इस कर से लोगों का ही भला होगा क्योंकि इससे पालिका में काम करने वाले सफाई कामगारों व ड्राइवरों की तनख्वाह के अलावा गाड़ियों के रखरखाव का काम किया जा सकता है।
पालिका अध्यक्ष ने कहा कि अभी सिर्फ कचरा उठाने के लिए दो पृथक वाहनें हैं। राजधानी से बैटरी संचालित 6 वाहनें कचरा उठाने के लिए भेजी गईं थीं लेकिन इनमें से 4 चल रही हैं और दो के लिए ड्राइवरों की तलाश की जा रही है।
दस ई रिक्षा भी कचरा उठाने के लिए लाए गए थे और इनमें से चार काम कर रही हैं। इसके लिए और महिला चालकों की तलाश की जा रही है। चार ट्रैक्टर से भी रात में कचरा उठाया जाता है। इससे पानी की सप्लाई भी की जाती है। इसके अलावा मृत मवेशियों को ले जाने इन्हीं का इस्तेमाल होता है।
सेप्टिक टैंक के लिए भी इस वाहन का इस्तेमाल किया जाता है। लोहा डोंगरी हालांकि ईटपाल पंचायत में आता है लेकिन पालिका ही यहां का कामकाज देखती है। कलेक्टर की ओर से पालिका को चार टिप्पर दिए गए हैं। अभी इनका काम चल रहा है।
ड्राई जोन है समस्या
पालिका क्षेत्र में कई ड्राई जोन हैं, जहां नलकूप फेल हो गए हैं। पालिका अध्यक्ष बेनहूर रावतिया ने बताया कि सबसे बड़ा ड्राई जोन शांतिनगर वार्ड है। यहां रोजाना 10 टैंकर भेजे जाते हैं। इनके अलावा सुभाषचंद्र वार्ड में रोजाना सात से आठ, राजेन्द्र प्रसाद वार्ड में छह से सात, इंदिरा गांधी वार्ड में चार से पांच एवं शहीद बुधराम राना वार्ड में तीन से चार टैंकर से पानी की सप्लाई की जाती है।
इसके अलावा और भी कहीं जरूरत आन पड़ी तो टैंकर वहां भी भेजे जाते हैं। ज्ञात हो कि अभी नलों से जलापूर्ति के लिए हर माह बीपीएल परिवार से 60 व एपीएल परिवार से 180 रूपए लिए जा रहे हैं।
सीमेंट फैक्ट्री से नहीं मिला जवाब
पालिका का गीला कचरा कोकड़ापारा में वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए किया जा रहा है। समन्वयक एन कृष्णा रेड्डी ने बताया कि सूखे कचरे यानि खड्डे इत्यादि स्थानीय स्तर पर कबाड़ी को बेच दिए जाते हैं। इसके अलावा लोग खुद इसे बेच देते हैं।
जहां तक पाॅलीथिन का सवाल है, इसके लिए पालिका की ओर से सीमेंट फैक्ट्रियों को अनुबंध का प्रस्ताव भेजा गया है। अब तक किसी ने रूचि नहीं दिखाई है।
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