एक महीने से आंदोलनरत आदिवासियों को महेश गागड़ा का समर्थन… 14 अप्रैल को निकाली जाएगी जंगी रैली
पंकज दाऊद @ बीजापुर। पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने चुनाव से करीब डेढ़ साल पहले सक्रियता बढ़ा दी है और वह भी अंदरूनी गांवों में। एक माह से बांगोली गांव में विभिन्न मसलों को लेकर आंदोलनरत आदिवासियों को समर्थन देने गुरूवार को इंद्रावती नदी पार कर पहुंचे महेश गागड़ा ने सीधे आरोप लगाया कि जब से छग में कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से बेगुनाह आदिवासी मारे जा रहे हैं।
पूर्व वन मंत्री ने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को भैरमगढ़ से बीजापुर पैदल रैली को आदिवासियों के समर्थन का ऐलान किया। सिलगेर, बेचापाल और बुरजी में भी कई महीनों से आदिवासी आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही है।
मूल वासी मंच से ग्रामीणों को संबोधित करते महेश गागड़ा ने आरोप लगाया कि आदिवासियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है बल्कि सरकार के इशारे पर आदिवासियों को गोलियों से भूना जा रहा है।
पूर्व मंत्री का आरोप है कि कांग्रेस के विधायक एवं मंत्री जिन पुल पुलियों को भाजपा शासनकाल में मंजूर बता रही है, वास्तविकता इससे परे है। ये कांग्रेस सरकार की देन है। जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन चुकी है, तो फोर्स की सुरक्षा में इन्हें बनाया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव से पहले मंत्री कवासी लखमा और विधायक विक्रम मण्डावी आदिवासियों की रैली में समर्थन देने पहुंच जाया करते थे। अब मंत्री व विधायक बनने के बाद ग्रामीणों की कोई मांग पूरी नहीं हो रही है।
चुनाव से पहले सीएम भूपेश बघेल, मंत्री कवासी लखमा एवं विधायक विक्रम मण्डावी ने वादा किया था कि सरकार बनने पर आदिवासियों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे। सरकार में आने के बाद इनके सुर बदल गए हैं।
गागड़ा ने कहा कि आज जेलों में बंद आदिवासी रिहा हो रहे हैं, वो कांग्रेस की सरकार बनने से नहीं बल्कि परिवाद दायर होने और वकीलों के खड़े होने से आदिवासियों को न्याय मिल रहा है।
महेश गागड़ा ने कहा कि जब भाजपा की सरकार थी, तब भी रैली निकलती थी और उनके घर के सामने से भी रैली जाती थी। तब पुलिस उन्हें नहीं रोकती थी। अब परिस्थिति जुदा है, रैली निकलने से पहले ही पुलिस उन्हें रोक देती है। बांगोली की सभा में भाजपा जिला उपााध्यक्ष लव कुमार रायडू भी मौजूद थे।
ये सुझाव दिया गागड़ा ने
पूर्व मंत्री ने कहा कि ये महुआ का सीजन है और गांव के लोगों की जीविका के लिए महुआ-टोरा अहम है। इस वजह से कुछ समय के लिए आंदोलन को टाल दें और महुआ-टोरा का संग्रहण करें। भाजपा का समर्थन आंदोलनरत ग्रामीणों के साथ हमेशा है। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती पर भैरमगढ़ से बीजापुर तक पैदल रैली आदिवासी निकालेंगे। इनके साथ भाजपा भी होगी।
जुड़ूम के दौरान शोषण
जिला उपाध्यक्ष लव कुमार रायडु ने आरोप लगाया कि सलवा जुड़म के दौर में मौजूदा विधायक विक्रम मण्डावी ने आदिवासियों का कितना शोषण किया, ये बात किसी से छिपी नहीं है। अब विधायक बनने के बाद पुलिस का सहारा लेकर आदिवासियों को प्रताड़ित कर रहे हैं।
प्रदेश में जब भाजपा की सरकार थी, तब लोगों की समस्या का हल हो जाया करता था। अब महीनों से आदिवासी आंदोलनरत हैं, लेकिन उनसे मंत्री-विधायक को सरोकार नहीं है। ग्राम सभा एक पाॅवरफुल इकाई है। इसके माध्यम से समस्याओं का समाधान होना चाहिए। लेकिन ये सरकार बंदूक की नोक पर आदिवासियों के दमन पर आमादा है।
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