एडसमेटा मुठभेड़: सुरक्षाबलों ने घबराहट में गोली चलाई, जिससे ग्रामीण मारे गए… न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश
रायपुर @ खबर बस्तर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के एडसमेटा में हुई कथित मुठभेड़ फर्जी थी। करीब एक दशक बाद एडसमेटा विशेष न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में इसका सच सामने आया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एडसमेटा में हुई मुठभेड़ फर्जी थी। सुरक्षाबल के जवानों ने बीज पंडुम का त्योहार मना रहे आदिवासियों पर घबराहट में गोली चलाई थी। इस फायरिंग में 8 ग्रामीणों की मौत हुई थी।
रिपोर्ट में बताया गया कि 17-18 मई 2013 की दरमियानी रात एडसमेटा गांव में बीज पंडुम का त्योहार मनाने के लिए ग्रामीण एकत्रित हुए थे। इसी दौरान पास से गुजरते हुए जवानों ने लोगों का जमावड़ा देखा और ग्रामीणों को संभवत: नक्सली मानते हुए भीड़ की ओर फायर करना शुरू कर दिया।
रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि जवानों द्वारा गोलीबारी आत्मरक्षार्थ नहीं की गई थी। ऐसे कोई भी तथ्य व प्रमाण नहीं मिले हैं, जिससे साबित हो सके कि ग्रामीणों की ओर से सुरक्षाबलों पर गोली चलाई गई हो अथवा किसी तरह का हमला किया गया हो।
न्यायिक जांच आयोग ने अपनी जांच में यह माना है कि जवानों द्वारा ग्रामीणों को पहचानने में हुई गलती के चलते यह फायरिंग की गई। वहीं सुरक्षाबलों की घबराहट भी इसकी एक वजह थी।
आयोग ने इस बात को भी माना है कि सुरक्षाबलों के पास पर्याप्त सुरक्षा उपकरण, आधुनिक संचार के साधन और बेहतर प्रशिक्षण होता तो इस तरह की घटना को रोका भी जा सकता था।
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