एड़समेटा गोलीकाण्ड: अब मंत्रालय तक पैदल मार्च के मूड में आदिवासी… जानिए बुरजी गांव से विधायक और कलेक्टर को क्यों मिला ‘न्यौता’..?
पंकज दाऊद @ बीजापुर। जस्टिस वीके अग्रवाल की न्यायिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एड़समेटा गोलीकाण्ड में मारे गए चार नाबालिगों समेत आठ लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रूपए मुआवजे और दोषी जवानों पर कार्रवाई समेत छह सूत्री मांगों को लेकर छह दिनों से गंगालूर थाना क्षेत्र के बुरजी गांव में डटे आदिवासियों ने इस मसले पर विधायक एवं कलेक्टर से सीधी बात करने उन्हें आंदोलन स्थल पर बुलाया है।
अब आदिवासियों ने मांगें पूरी नहीं होने की सूरत में मंत्रालय तक पैदल मार्च करने का अल्टीमेटम भी दिया है।
यहां से 30 किमी दूर गंगालूर थाना क्षेत्र के बुरजी गांव में आसपास के गांवों के हजारों लोग एक सप्ताह से डटे हुए हैं। इनका कहना है कि इस बारे में कई बार आवेदन दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वे इस बारे में विधायक एवं कलेक्टर से बात करना चाहते हेैं।
ग्रामीणों ने बताया कि 17 सितंबर 2013 को बैलाडिला की तराई पर बसे गांव एड़समेटा में बुवाई से पहले मनाए जाने वाले पर्व बीज पण्डुम को लेकर बैठक हो रही थी, तभी सीआरपीएफ के जवानों ने फायरिंग कर दी। इसमें चार नाबालिगों सहित आठ लोग मारे गए। मारे गए लोगोें के परिवारों को एक-एक करोड़ और घायलों को 50-50 लाख रूपए दिए जाने की मांग की जा रही है।
इसके अलावा दोषी पुलिस कर्मियों को सजा, पहले हुए नरसंहार की न्यायिक जांच, ग्राम सभा की अनुमति के बगैर सड़क और कैम्प का निर्माण नहीं करने, महिलाओं पर अत्याचार बंद करने एवं आदिवासियों को नक्सली बता जेल में डालना बंद करने की मांग की गई है।
आप का समर्थन
आंदोलनरत आदिवासियों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी, आम आदमी पार्टी के बस्तर जिलाध्यक्ष तरूणा साबेबेदकर, उपाध्यक्ष दंतीराम पोयाम जिला उपाध्यक्ष, चित्रकोट विस प्रभारी वासु कश्यप, चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष सुकमन कोर्राम गुरूवार को बुरजी में सभास्थल पर मौजूद थे। आप नेताओं का कहना है कि वे आदिवासियों की मांगों का समर्थन करते हैं लेकिन हिंसा का कतई नहीं।
ये कहा अधिकारी ने
बुरजी आए डिप्टी कलेक्टर सह तहसीलदार अमित नाथ योगी ने आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों से चर्चा की। प्रतिनिधियों ने शक जताया कि कई दफे आवेदन दिए गए लेकिन इस पर कुछ नहीं हुआ।
कहीं ऐसा तो नहीं कि आवेदन टोकरी में रख दिए गए हों। इस पर डिप्टी कलेक्टर ने कहा कि ऐसा नहीं है। ये आवेदन राज्यपाल के नाम है और इसे भेज दिया जाएगा। इस पर फैसला वहीं से होगा।
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