धान चूसने वाले फिर आ गए बालियां निकलने से पहले ! जानिए, आखिर फसल में हो क्या रहा है ?
पंकज दाऊद @ बीजापुर। धान खरीदी और इसके परिवहन में गफलत की खबरें तो अक्सर सुर्खियां बनती रहती हैं लेकिन इसके पहले भी एक और है जो इसे चूसने इस साल फिर से आ गया है।
जिले के उसूर, भैरमगढ़ एवं बीजापुर ब्लाॅक में इसका असर दिखने लगा है और भोपालपटनम में भी आने वाले दिनों में इसका असर दिखेगा। दरअसल, धान की फसल को इन दिनों गंधी नाम कीट और तनाछेदक कीट से नुकसान होने लगा है। यदि प्रकोप तेज होगा, तो गंधी कीट से उपज को 50 से 60 और तनाछेदक से 70 फीसदी तक नुकसान हो सकता है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक बीके ठाकुर ने बताया कि जहां लेट बुवाई होती है, वहां इनका प्रकोप ज्यादा होता है। बीजापुर और भैरमगढ़ ब्लाॅक में इसका प्रकोप दिखने को मिला है। भोपालपटनम इलाके में लेट से बुवाई होती है, वहां भी इसका असर देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि उसूर ब्लाॅक में तनाछेदक का प्रकोप दिखा है।
गंधी कीट उस समय फसल पर अटैक करता है जब बालियां भरने लगती हैं। ये भरती बालियों को चूसना शुरू कर देता है। इससे धान में सिर्फ छिलका बचना है। इससे उपज को 50 से 60 फीसदी तक नुकसान पहुंच सकता है।
तनाछेदक कीट भी इसी सीजन में अटैक करता है। वह तने के गांठों को काटता है, इससे पानी और खनिज लवण उपर नहीं पहुंच पाते। पत्तियां सूखने लगती हैं और तना टूटने।
वैज्ञानिक बीके ठाकुर ने बताया कि किसानों को खेत में पानी या नमी नहीं रहने देने की सलाह दी गई है। इसके अलावा वैज्ञानिकों या कृषि अधिकारियों की सलाह पर कीट नाशक का इस्तेमाल किसान कर सकते हैं।
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