देश में इमरजेंसी लोकतंत्र का काला दिवस, कांग्रेस की मनोवृत्ति अभी भी वही- भाजपा

WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

देश में इमरजेंसी लोकतंत्र का काला दिवस, कांग्रेस की मनोवृत्ति अभी भी वही- भाजपा

पंकज दाउद @ बीजापुर। इमरजेंसी के 46 साल बाद भी कांग्रेस की मनोवृत्ति में कोई बदलाव नहीं आया है और इस पार्टी के सत्ता वाले प्रांतों में आज भी इस मनोवृत्ति को देखा जा सकता है। इमरजेंसी से हालात कभी पैदा नहीं होने चाहिए और लोकतंत्र को बचाए रखने ऐसी पार्टी पर दबाव जरूरी है।

यहां पत्रकारों से चर्चा में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डाॅ सुभाऊ कश्यप, पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार एवं किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष घासीराम नाग ने ये बात कही। डाॅ सुभाऊ कश्यप ने कहा कि 25 जून 1975 देश में लोकतंत्र का काला दिवस है।

Read More:

 

हमें इस बात को याद रखना होगा और भविष्य में ऐसे हादसों को होने से रोकना होगा। कांग्रेस ने 21 माह तक देश को आपातकाल में रखा और कई संस्थाओं को बंद करवा दिया। इसमें मीडियाहाउस भी थे। पत्रकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इस दौरान हजारों गैर कांग्रेस नेताओं को जेल में डाल दिया गया।

हमने बड़ी मुश्किल से आजादी पाई और फिर आपातकाल झेलना पड़ा। इससे भी आजादी मिली। लोकतंत्र के मूल्यों को नहीं मानने की परंपरा आज भी कांग्रेस में है। इसका ताजा उदाहरण टूल किट है। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा एवं पूर्व सीएम डाॅ रमन सिंह पर सिर्फ ट्वीट करने पर ही गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किए गए।

जगदलपुर में जब विधायकों का घेराव किया गया तब कांग्रेसियों ने भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ की कोशिश की। विरोध और आंदोलन का अधिकार हर नागरिक को संविधान देता है। देश के अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में ऐसे उदाहरण मिलते हैं।

प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय होती है और दो साल से देश कोरोना के संकट को झेल रहा है। इसके बावजूद देश में स्थिति नियंत्रण में है। एक अन्य सवाल के जवाब में डाॅ कश्यप ने कहा कि जहां तक कश्मीर से धारा 370 हटाने का सवाल है, ये जरूरी था क्योंकि एक देश में दो नियम नहीं हो सकते और ना ही दो झण्डे।

भाजपाइयों को रोका गया

पूर्व विधायक डाॅ सुभाऊ कश्यप ने आरोप लगाया कि सिलगेर की घटना की असलियत जानने जब पार्टी नेताओं ने जाने की कोशिश की तो उन्हें रोक लिया गया। इस मामले में भूपेश सरकार असलियत छिपाने की कोशिश में है। मारे गए लोगों को नक्सली करार देना और फिर इनके ही अंतिम संस्कार के लिए राशि देना घोर विरोधाभास है। सिलगेर गोलीबारी की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

 

आपके काम की खबरें यहां है...👇🏻👇🏻👇🏻

 
  • Trending News पढ़ने यहां क्लिक करें।
  • अवकाश न्यूज़ के लिए यहां क्लिक करें
  • कर्मचारी समाचार के लिए यहां क्लिक करें।
  • छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
  • Govt Jobs के लिए यहां क्लिक करें
  • सरकारी योजना की खबरें यहां से पढ़ें।
  • khabar Bastar की खबरें यहां क्लिक करें।
  • दोस्तों, हमारे इस वेबसाइट पर आपको ताजा News Update सबसे पहले मिलेगी। चाहे वो Latest News हो, Trending खबरें हो, या फिर Govt Jobs, रोजगार व सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी।
    हमारी कोशिश है कि आपके काम की हर खबर आप तक सबसे पहले पहुंचे। अगर आप हमारी खबरों का नोटिफिकेशन तुरंत पाना चाहते हैं तो हमारे WhatsApp ग्रुप और टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं।
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Channel Join Now

    Leave a comment