किसानों की सच्ची हितैषी है छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार: हरीश कवासी
के. शंकर @ सुकमा। एक तरफ देश के हज़ारों किसान अपनी जायज माँगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं इन भोले भाले किसानों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार केंद्र की मोदी सरकार कर रही है। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार किसानों का सम्मान करते हुए 2500 रुपये किंवटल में धान खरीदी करने की आज शुरुआत करने जा रही है।
यह कहना है बस्तर के युवा कांग्रेस नेता और सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी का। हरीश के मुताबिक, पिछले 2 वर्षों में खेती करने वाले किसानों की अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है। अकेले सुकमा जिले में ही पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 1816 नये किसान पंजीकृत हुए हैं।
पिछले वर्ष सुकमा जिले में 320000 किंवटल धान खरीदी की गई थी, इस वर्ष 360000 किंवटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का महा अभियान आज 01 दिसम्बर से शुरुआत किसानों के लिए किसी पर्व से कम नहीं।
प्रदेश में बनाए गए 2305 धान खरीदी केन्द्र
छत्तीसगढ़ में धान उत्पादक किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का महा अभियान आज एक दिसम्बर से शुरू किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि धान खरीदी के दौरान किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। किसानों की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस माह की 28 तारीख को आयोजित केबिनेट की बैठक में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 01 दिसम्बर से 31 जनवरी 2021 तक और मक्का की खरीदी 01 दिसम्बर से 31 मई 2021 तक करने के निर्देश दिए गए हैं। 01 दिसम्बर से प्रदेश में 2 हजार 305 धान खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू की जाएगी। इस वर्ष 257 नए धान खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं।
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— Khabar Bastar (@khabarbastar) November 30, 2020
कवासी हरीश ने बताया कि राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों से खेती-किसानी छोड़ चुके 2 लाख से अधिक किसान खेतों की ओर लौटे हैं, जिससे खेती के रकबे में वृद्धि हुई है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में पिछले वर्ष की तुलना में 2 लाख 49 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। इन्हें मिलाकर इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कुल 21 लाख 29 हजार 764 किसानों ने पंजीयन कराया है।
कांग्रेस नेता के अनुसार पिछले दो वर्षाें में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2017-18 में छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर 56.85 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। दो सालों के दौरान धान खरीदी का यह आंकड़ा 83.94 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया। इस साल धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या और धान की रकबे को देखते हुए समर्थन मूल्य पर बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा खरीदी का अनुमान है। इसको लेकर राज्य शासन द्वारा हर संभव व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। धान उपार्जन के लिए बारदाने की कमी के बावजूद भी सरकार इसके प्रबंध में जुटी है।
सीमावर्ती इलाकों में विशेष निगरानी
मुख्यमंत्री शभूपेश बघेल ने धान खरीदी के दौरान सीमावर्ती राज्यों से लाए जाने वाले धान पर कड़ाई से रोक लगाने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए हैं। अवैध धान परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाए। इसकी जिम्मेदारी सभी जिलों के जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग को सौंपी गई है।
सीमावर्ती जिलों की सीमा से लगे 3-3 खरीदी केन्द्रों में विशेष निगरानी रखने, चेक पोस्ट लगाकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम भूपेश बघेल ने यह निर्देश भी दिए हैं कि राज्य के भीतर एक से दूसरे जिलों से धान लाने ले जाने वाले किसानों को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाए।
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