कोरोना से ठीक होने के बाद ITBP के 4 जवान फिर निकले पॉजिटिव, मचा हड़कंप..! संक्रमित जवानों को कैंप में ही किया गया आइसोलेट
रायपुर @ खबर बस्तर। छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच खरोरा इलाके से आई एक खबर ने सबको हैरान कर दिया है। दरअसल, रविवार को आईटीबीपी (ITBP) कैंप के 4 जवानों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ये जवान पहले भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और ठीक होने के 21 दिनों बाद इनकी रिपोर्ट दोबारा पॉजिटिव आई है।

पत्रिका में छपी खबर के मुताबिक, यह पूरा मामला खरोरा क्षेत्र के आईटीबीपी कैंप का है। यहां 4 जवान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ये सभी जवान कुछ दिन पहले ही कोरोना महामारी को हराकर ठीक हो चुके थे। फिलहाल, संक्रमित जवानों को 10 दिनों के लिए कैंप में ही आइसोलेट कर दिया गया है। मेडिकल टीम इनकी निगरानी कर रही है।
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बताया जा रहा है कि 14 और 16 जून को चारों जवान संक्रमित पाए गए थे। इन्हें रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में भर्ती करवाया गया था। सभी जवान एसिम्टोमैटिक थे। लिहाजा सरकार की नई गाइडलाइन के तहत 10 दिन के इलाज के बाद इन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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अस्पताल से लौटने के बाद जवानों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन किया गया। इसके बाद ज्वाइनिंग से पहले आला अफसरों के निर्देश पर जब इनकी दोबारा टेस्टिंग करवाई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। जवानों की रिपोर्ट को फॉल्स पॉजिटिव (False Positive) माना जा रहा है। आशंका है कि कोरोना के कुछ डेड वायरस शरीर के अंदर मौजूद थे, जो जांच में पाए गए।
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अंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरके पंडा ने बताया कि अगर कोई मरीज कोरोना पॉजिटिव आता है तो इलाज और डिस्चार्ज होने के बाद कुछ वायरस डेड बच जाते हैं। रिसर्च इसे फॉल्स पॉजिटिव मानती है। यह मामला भी वैसा ही है।
नई गाइडलाइन से डिस्चार्ज हो रहे मरीज
बता दें कि देश में लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या के मद्देनजर आईसीएमआर (ICMR) ने जून में गाइडलाइन में संशोधन किया था। जिसके तहत अब एसिम्टोमैटिक मरीजों को 14 दिन के बजाय 10 दिन में ही डिस्चार्ज किया जा रहा है। मरीज को अगर कोई परेशानी नहीं है तो आरटी-पीसीआर टेस्ट किए बिना ही उसे छुट्टी दे दी जा रही है।
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हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि बिना टेस्ट कराए मरीज को डिस्चार्ज किया जाना खतरे से खाली नहीं है। अगर मरीजों के शरीर के अंदर कोरोना का वायरस रहता है तो ऐसे लोग समुदाय के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।
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