बीजापुर @ खबर बस्तर। जिले में हर माह 24509 क्विंटल सरकारी चावल राशन दुकानों के मार्फत बेचा जा रहा है। वहीं हर माह शक्कर की खपत 568 क्विंटल है।
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खाद्य अधिकारी बीएल पदमाकर के मुताबिक राशन दुकानों से हितग्राहियों को 18484 क्विंटल चावल दिया जाता है। वहीं छात्रावासों में 5354 और मध्याहन भोजन के लिए 560 क्विंटल चावल दिया जाता है। आंगनबाड़ियों में पूरक पोषण आहार के लिए 111 क्विंटल चावल की आपूर्ति होती है।
बीएल पद्माकर ने बताया कि जिले में 568 क्विंटल शक्कर खपत है तो 1182 क्विंटल चना भी हर माह खपता है। इसी तरह नमक भी 1182 क्विंटल बिकता है। उन्होंने बताया कि कई गांवों में राशन दुकानों का संचालन मुमकिन नहीं है। दरअसल, ये गांव अंदरूनी और पहुंचविहीन हैं।
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गंगालूर से आगे के आठ गांवों में राशन दुकानें नहीं हैं। इनका संचालन गंगालूर में ही किया जा रहा है। बासागुड़ा से आगे के करीब दस गांवों तक पहुंचना मुश्किल है और इन्हें बासागुड़ा में ही खोला गया है। उसूर में छह दुकानें खोली गई हैं। अंदरूनी गांवों से लोग आकर राशन ले जाते हैं।
मिरतूर में भी ऐसी तीन दुकानें खोली गई हैं। इसी तरह पामेड़ में छह, भोपालपटनम में तीन, नेलसनार में दो व भैरमगढ़ में चार दुकानों का संचालन किया जा रहा है। जिले में 51655 बीपीएल और 1612 एपीएल कार्ड हैं।
बारिश के पहले कर दी जाती है व्यवस्था
पहुंचविहीन गांवों के लिए बारिश से पहले ही राशन की व्यवस्था कर दी जाती है ताकि हितग्राहियों को परेशानी ना हो। भैरमगढ़ ब्लाॅक के इंद्रावती नदी पार बसे गांवों के लोग नेलसनार और भैरमगढ़ आकर राशन बारिश के पहले ले जाते हैं।
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