पंकज दाऊद @ बीजापुर। बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक विक्रम शाह मण्डावी ने अपनी स्टाइल बदल दी है और कहा है कि ‘नो’ भाषणबाजी । सिर्फ काम की बात होगी ताकि जमीनी स्तर पर किसानों का नफा हो सके।
यहां कृषि विभाग की ओर से केवीके में आयोजित किसान सम्मेलन में मुख्य अतिथि की आसंदी से जब विधायक विक्रम मण्डावी के भाषण की बारी आई तो उन्होंने माइक किसानों को दे दिया। मण्डावी ने कहा कि हमें जमीनी स्तर पर किसानों की समस्या जानना है और इस सम्मेलन का मकसद भी वही है ना कि भाषणबाजी।
एमएलए विक्रम मण्डावी ने कहा कि किसानों की बातों को जानने की अब शुरूवात हो रही है ताकि आगे जिले में खेती के तौर तरीके और उन्नत हों और जिला इस क्षेत्र में अव्वल आए। इस दौरान किसानों ने अपनी समस्याएं बताईं। बोर से पानी नहीं आने और बाड़ की दरकार के मामले ज्यादा आए।
विधायक ने इन समस्याओं का हल करने कृषि विभाग और क्रेडा के अफसरों से कहा। इस मौके पर कलेक्टर केडी कुंजाम ने जैविक खेती को रेखांकित करते कहा कि दीगर जिलों की तुलना में बीजापुर की आबोहवा खेती के लिए अच्छी है। उन्होंने पारंपरिक फसलों मसलन- कोदो, कुटकी, सांवा, कोसरा और मंडिया सरीखी फसलों को लगाने पर जोर देते कहा कि ये बहुत पौष्टिक है।
कलेक्टर केडी कुंजाम ने गोठान और नाला बंधान के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड एवं चूजों का वितरण किया गया। सम्मेलन को जिला कांग्रेस अध्यक्ष लालू राठौर एवं जिला पंचायत सदस्य नीना रावतिया उद्दे ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन आरएईओ योगेन्द्र सिन्हा ने किया।
9 फीसदी रबी की फसल में 4 फीसदी सिंचाई
उप संचालक कृषि प्रषांत कुसरे ने बताया कि जिले में 62 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल होती है और इसमें 60 हजार हेक्टेयर में धान की फसल ली जाती है। खरीफ के नौ फीसदी हिस्से में ही रबी की फसल होती है। रबी के लिए सिंचाई केवल चार फीसदी इलाके में होती है। उन्होंने बताया कि यहां रासायनिक उर्वरक की खपत 40 किलो प्रति हेक्टेयर है जो काफी कम है। यहां की जमीन जैविक खेती के एकदम अनुकूल है।
सामुदायिक पट्टे दिए जाएंगे
विधायक विक्रम शाह मण्डावी ने बताया कि वनाधिकार पट्टे से वंचित रह गए लोगों को गांव में ही जगह मिल जाएगी। दरअसल , भूपेश सरकार ने पूरे गांव के लिए सामुदायिक पट्टा देने का निर्णय लिया है। जिले में 100 किसानों को चिन्हित किया जाएगा। उन्हें कहा कि इन किसानों को तार फेंसिंग और बोर की सुविधा मुफ्त में दी जाएगी। जिला खनिज निधि से इसकी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब जिले में अंदरूनी गांवों में भी खेती के प्रति जागरूकता आ रही है। भूपेश सरकार की 10 में से 7 से 8 योजनाएं किसानों के हित में बनाई जा रही हैं।
इस दौरान केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आरएन शर्मा, डॉ केएल पटेल, डिप्टी कलेक्टर हेमेन्द्र भूआर्य, जिपं सदस्य कमलेश कारम, सुरेन्द्र चापा, वैज्ञानिक अरविंद आयाम, बीएस ठाकुर, उप संचालक पशुधन डॉ पीके काम्बले, सहायक संचालक सत्यजीत सिंह कंवर, पशु चिकित्सक डॉ सुरेश साहू, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी जोसेफ टोप्पो, पार्षद महेश बेलसरिया, पुरूषोत्तम सल्लूर, बब्बू राठी एवं अन्य अधिकारी समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
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